गोपालगंज। शहर के थावे भवानी मंदिर से 1.08 करोड़ रुपए के आभूषण चोरी कांड में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। मामले के मास्टरमाइंड दीपक राय को घटना से छह दिन पहले ही पुलिस ने शक के आधार पर हिरासत में लिया था। वह 10-11 दिसंबर की रात मंदिर परिसर की रेकी कर रहा था। करीब पांच घंटे पूछताछ के बाद उसने प्रेमिका से मिलने की कहानी गढ़ी और पिता के फोन इंटरवेंशन के बाद पुलिस ने उसे छोड़ दिया।

गूगल–यूट्यूब से बनाई चोरी की ब्लूप्रिंट

दीपक गाजीपुर का रहने वाला है और पूर्व में कई मंदिरों में चोरी कर चुका है। जेल से 13 नवंबर को छूटने के बाद उसने बड़ा काम करने की बात अपनी गर्लफ्रेंड से की। पहले वह पुणे के एक प्रसिद्ध मंदिर को टारगेट करना चाहता था लेकिन दूरी अधिक होने पर प्लान बदल दिया। 6 से 13 दिसंबर के बीच उसने यूट्यूब वीडियो, ड्रोन शॉट्स, मंदिर की वेबसाइट और गूगल मैप्स देखकर पूरी रणनीति तैयार की।

रेकी, दीवार-चढ़ाई और एंट्री पॉइंट तय किए

सीसीटीवी फुटेज में 10-11 दिसंबर को उसकी मौजूदगी निर्माणाधीन भवन के पास दिखी। पुलिस के अनुसार, रस्सी के सहारे चढ़ने का तरीका, दीवार और एग्जिट रूट तक उसने पहले से तय कर लिया था।

गुप्त फोन कॉल से टूटा केस

इनाम की घोषणा के बाद मिली एक अनजान कॉल ने पुलिस को गाजीपुर तक पहुंचाया। तकनीकी जांच में फिंगरप्रिंट मैच हो गए और 22 दिसंबर की रात बॉर्डर के पास उसे गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी पहले वाराणसी, मऊ समेत कई मंदिर चोरी में शामिल रह चुका है। चोरी में सोने-चांदी के जेवर, मुकुट, चांदी का छत्र और दानपेटी सहित कुल 1.08 करोड़ की संपत्ति ले जाई गई थी। मामले में पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई भी की गई है।