पटना। राजधानी स्थित 10 सर्कुलर रोड पर स्थित पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के सरकारी आवास को खाली करने की प्रक्रिया तेज हो गई है। गुरुवार देर रात आवास से सामान शिफ्ट किया गया जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं गर्म हो गई। देर रात 4 और 5 छोटी गाड़ियां आवास पर पहुंचीं और गार्डन से जुड़े पौधों और अन्य सामान को वहां से निकालकर गोला रोड स्थित गौशाला ले जाया गया। बताया जा रहा है कि यहां से सामान को आगे अन्य स्थानों पर भेजा जाएगा। शिफ्टिंग के दौरान लालू प्रसाद यादव दिल्ली में थे जबकि तेजस्वी यादव भी पटना से बाहर थे। इस दौरान घर में कोई पुरुष सदस्य मौजूद नही था।
एक महीने पहले मिला था खाली करने का नोटिस
भवन निर्माण विभाग ने 25 नवंबर को आवास खाली करने का आदेश जारी किया था। नोटिस के अनुसार विधान परिषद के नेता प्रतिपक्ष के लिए हार्डिंग रोड स्थित आवास संख्या 39 आवंटित किया गया है। सूत्रों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से सामान को महुआ बाग और आर्य समाज रोड स्थित आवासों में चरणबद्ध तरीके से ले जाया जा रहा है।
JDU का बयान और राजनीतिक प्रतिक्रिया
इसी मुद्दे पर जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि आवास खाली करने को अनावश्यक रूप से राजनीतिक रंग देना उचित नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि मकान की संरचना को कोई नुकसान पहुंचाया गया तो यह राजनीतिक और नैतिक रूप से गलत कदम माना जाएगा।
लालू परिवार की भावुक प्रतिक्रिया
नोटिस जारी होने के बाद परिवार ने भावुक प्रतिक्रिया दी थी। तेजप्रताप यादव ने पोस्ट कर लिखा कि 28 वर्षों से जुड़ा भावनात्मक रिश्ता एक सरकारी आदेश से खत्म कर दिया गया। वही हाल ही में किडनी दान देने वाली बेटी रोहिणी आचार्य भी आवास से विदा होते समय भावुक हो उठी थीं।
राबड़ी आवास का राजनीतिक इतिहास
1997 में चारा घोटाले के बाद लालू प्रसाद यादव के इस्तीफे के पश्चात राबड़ी देवी मुख्यमंत्री बनीं। वर्ष 2005 में उन्हें यह सरकारी आवास आवंटित किया गया था, जिसे अब खाली कराया जा रहा है।
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