Bastar News Update : बीजापुर जिले में शहीद जवानों के परिवारों को सुरक्षित भविष्य देने की दिशा में पुलिस सैलरी पैकेज योजना एक मजबूत सहारा बनकर सामने आई है. 29 दिसंबर को एसपी डॉ. जितेंद्र कुमार यादव ने शहीद आरक्षक दिनेश नाग की धर्मपत्नी पूजा नाग को एसबीआई बीजापुर शाखा का एक करोड़ दस लाख रुपये का चेक सौंपा. कार्यक्रम के दौरान शहीद के सम्मान में दो मिनट का मौन रखकर अधिकारियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की.

एसबीआई शाखा प्रबंधक अभय प्रताप सिंह ने बताया कि यह योजना शहीद परिवारों की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्राथमिकता से लागू की जाती है. एएसपी (ऑप्स) अमन कुमार झा ने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात जवान अत्यंत जोखिमपूर्ण हालात में देश सेवा करते हैं. एएसपी चंद्रकांत गवर्ना ने कहा कि शहीदों का बलिदान पुलिस बल की प्रेरणा है. एसपी ने पूजा नाग से संवाद कर हर संभव सहयोग का भरोसा दिलाया..पूजा नाग ने कहा कि उन्हें अपने पति के बलिदान पर गर्व है.
8 अगस्त 2025 को आईईडी विस्फोट में दिनेश नाग वीरगति को प्राप्त हुए थे. पुलिस विभाग ने स्पष्ट किया कि आर्थिक सहायता के साथ सामाजिक और भावनात्मक सहयोग भी लगातार दिया जाएगा.

बस्तर – करोड़ों खर्च, फिर भी खेती मानसून के भरोसे

बस्तर जिले में सिंचाई विकास के दावों की हकीकत आंकड़ों में उलझती नजर आ रही है. पिछले दो दशकों में करीब 300 करोड़ रुपये खर्च होने के बावजूद जिले का 75 फीसदी कृषि क्षेत्र आज भी मानसून पर निर्भर है. वर्तमान में केवल 35 हजार हेक्टेयर भूमि ही सिंचित है, जो कुल रकबे का 25 प्रतिशत है. जबकि लक्ष्य 50 हजार हेक्टेयर से अधिक सिंचाई विस्तार का रखा गया था. कोसारटेडा मध्यम सिंचाई परियोजना जिले की एकमात्र बड़ी योजना है. यहां भी लक्ष्य के अनुरूप पानी नहीं मिल पा रहा है. जिले में 87 सिंचाई योजनाएं मौजूद हैं, लेकिन कई नहरें जर्जर हो चुकी हैं. 2003 में 11,925 हेक्टेयर सिंचित रकबा 2019 में 32 हजार तक पहुंचा, पर अब ठहर गया है. सिंचाई अभाव का सबसे ज्यादा नुकसान ग्रामीण किसानों को हो रहा है. इंद्रावती नदी पर प्रस्तावित बैराजों से उम्मीदें जुड़ी हैं, पर समयसीमा स्पष्ट नहीं है.

बीजापुर – दुर्गम इलाकों में सुरक्षा से विकास की राह

बीजापुर जिले के फरसेगढ़ थाना क्षेत्र के डोडीमरका में नया सुरक्षा कैंप स्थापित किया गया है. डीआरजी, जिला बल और सीएएफ की संयुक्त टीम ने कठिन परिस्थितियों में कैंप तैयार किया. घने जंगल और ठंड के बावजूद सुरक्षा बलों ने रणनीतिक बढ़त हासिल की है. यह कैंप भोपालपटनम से फरसेगढ़ और गढ़चिरौली को जोड़ने में अहम भूमिका निभाएगा. स्थानीय ग्रामीणों को अब स्वास्थ्य, शिक्षा और बिजली जैसी सुविधाएं मिलेंगी. मोबाइल नेटवर्क, सड़क और पीडीएस की सुविधा भी बेहतर होगी. 2024 से अब तक जिले में 29 नए कैंप स्थापित हो चुके हैं. इन कैंपों के बाद 923 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है. 221 नक्सली मुठभेड़ों में मारे गए हैं. कार्यक्रम में आईजी सुंदरराज पी. और एसपी डॉ. जितेंद्र यादव मौजूद रहे.

कोंडागांव – धर्म विवाद से बिगड़े हालात, प्रशासन ने संभाला मोर्चा

लोहंडीगुड़ा ब्लॉक के एड़मुड़ गांव में सोमवार को अचानक तनाव की स्थिति बन गई. आदिवासी और धर्मांतरित परिवारों के बीच विवाद ने तूल पकड़ लिया. आदिवासियों ने मूल धर्म में वापसी की बात कही, जिसे लेकर मतभेद बढ़ा. धर्मांतरित परिवारों ने दबाव और बहिष्कार के आरोप लगाए. खाने में मिट्टी डालने और धान लूटने जैसे आरोप सामने आए. वहीं आदिवासियों का कहना है कि गांव में जबरन धर्मांतरण की कोशिश हो रही थी. तनाव की सूचना पर एसडीएम और पुलिस बल मौके पर पहुंचे. दोनों पक्षों को समझाइश दी गई. स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है. एसडीएम नीतिश वर्मा ने कहा कि शांति बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं.

कोंडागांव – कड़ाके की ठंड से जनजीवन अस्त-व्यस्त

कोंडागांव जिले में कड़ाके की ठंड ने जनजीवन को पूरी तरह प्रभावित कर दिया है. सुबह और रात के समय घना कोहरा छाया रहता है. दृश्यता कम होने से सड़कों पर वाहन रेंगते नजर आ रहे हैं. चौक-चौराहों पर अलाव जलाए जा रहे हैं. लोग कंबल और गर्म कपड़ों में लिपटे दिखाई दे रहे हैं. मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक ठंड बने रहने की चेतावनी दी है. डॉक्टरों ने बुजुर्गों और बच्चों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है. स्कूलों में अवकाश से बच्चों को राहत मिली है. सुबह सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहता है. ठंड में भी सफाई और स्वास्थ्यकर्मी ड्यूटी निभा रहे हैं.

बस्तर – धान खरीदी में फर्जीवाड़े पर प्रशासन की सख्ती

बस्तर जिले में अवैध धान परिवहन के खिलाफ प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है. करपावंड उपार्जन केंद्र में फर्जी टोकन से धान खपाने का प्रयास पकड़ा गया. जांच में सामने आया कि टोकन हैदराबाद में रहने वाले किसान के नाम पर था. वास्तविक उत्पादन और टोकन में 80 क्विंटल का अंतर पाया गया. व्यापारी राजेश गुप्ता ने इस अंतर का फायदा उठाने की साजिश रची. दो वाहनों में धान लोड कर उपार्जन केंद्र भेजा गया. प्रशासन की पूछताछ में पूरा मामला उजागर हुआ. कलेक्टर के निर्देश पर आगे की कार्रवाई जारी है. अवैध परिवहन पर सख्ती और तेज की जाएगी.अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.

बस्तर संभाग – अवैध धान पर कड़ी निगरानी

बस्तर संभाग में किसानों की सुविधा के लिए 382 खरीदी केंद्र बनाए गए हैं. सीमा क्षेत्रों में विशेष निगरानी रखी जा रही है. अब तक 126 प्रकरण दर्ज किए जा चुके हैं. 7,070 क्विंटल धान जब्त किया गया है. 33 गाड़ियां सीज की गई हैं. सबसे अधिक धान बीजापुर और बस्तर में पकड़ा गया. कोंडागांव में एक ही गाड़ी से 253 क्विंटल जब्त हुआ. मंडी निरीक्षक ने बताया कि कार्रवाई जारी रहेगी. पड़ोसी राज्यों से आने वाले धान पर खास नजर है. किसानों के हित में नियमों का सख्ती से पालन होगा.

बीजापुर – खरीदी अव्यवस्था के खिलाफ कांग्रेस का धरना

बीजापुर जिले के नैमेड़ खरीदी केंद्र में कांग्रेस ने धरना प्रदर्शन किया. किसानों की समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया. रोजाना 5 हजार क्विंटल खरीदी की मांग की गई. समय पर टोकन जारी करने की मांग उठी. बारदाने की कमी को लेकर नाराजगी जताई गई. निर्धारित रकबा कम किए जाने से किसान परेशान हैं. कांग्रेस ने व्यवस्था सुधारने की चेतावनी दी. प्रशासन से तत्काल समाधान की मांग की गई. किसानों ने भी अपनी पीड़ा साझा की. मामले पर प्रशासन ने जांच का भरोसा दिलाया.