सत्या राजपूत, रायपुर। छत्तीसगढ़ की जल-संपदा और ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण की दिशा में केंद्र सरकार ने एक मील का पत्थर स्थापित किया है। भारत सरकार के आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने अमृत 2.0 योजना के अंतर्गत बिलासपुर संसदीय क्षेत्र के 5 प्रमुख तालाबों के कायाकल्प के लिए ₹28.05 करोड़ की भारी-भरकम राशि को आधिकारिक मंजूरी प्रदान कर दी है।

छत्तीसगढ़ के विकास को मिली नई गति
इस मंजूरी के साथ छत्तीसगढ़ में अमृत 2.0 के तीसरे चरण के तहत कुल 37 परियोजनाएँ संचालित होंगी। केंद्र सरकार ने राज्य के शहरी विकास हेतु कुल ₹1303 करोड़ की सहायता राशि स्वीकृत की है, जो प्रदेश के भविष्य को जल-समृद्ध बनाने में सहायक होगी।
गौरतलब है कि केंद्रीय राज्यमंत्री तोखन साहू ने स्वयं रतनपुर के तालाबों में उतरकर श्रमदान किया था और जल संरक्षण का संदेश दिया था। उनके उस व्यक्तिगत जुड़ाव और ‘भागीरथी प्रयास’ का ही परिणाम है कि आज इन तालाबों के पुनर्जीवन और सौंदर्यीकरण के लिए इतनी बड़ी राशि स्वीकृत हुई है। साहू के सक्रिय हस्तक्षेप के कारण ही केंद्र की एपेक्स कमेटी ने राज्य जल कार्य योजना (SWAP) के तीसरे चरण में इन महत्वपूर्ण परियोजनाओं को प्राथमिकता दी।
परियोजनाओं का विवरण और बजट
स्वीकृत ₹28.05 करोड़ की राशि से इन 5 तालाबों की सूरत बदलेगी—
रतनपुर क्षेत्र
• रत्नेश्वर तालाब – ₹9.5 करोड़ (पुनर्जीवन एवं सौंदर्यीकरण)
• कृष्णार्जुनी तालाब – ₹7.5 करोड़ (कायाकल्प)
बिलासपुर शहर
• हरसागर तालाब – ₹5 करोड़
• माँ महामाया तालाब – ₹3.5 करोड़
• माँ शारदा तालाब – ₹2.55 करोड़
पुनर्जीवन और सौंदर्यीकरण
इन ऐतिहासिक तालाबों की गाद निकाली जाएगी, तटबंधों को मजबूत किया जाएगा और चारों ओर लाइटिंग व पाथवे बनाकर इनका सौंदर्यीकरण किया जाएगा। तोखन साहू के श्रमदान अभियान को आगे बढ़ाते हुए, इन जलाशयों के संरक्षण से क्षेत्र के भूजल स्तर में भारी सुधार होगा। रतनपुर की ऐतिहासिक पहचान को इन तालाबों के सजने से नई मजबूती मिलेगी।
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