देवी चित्रलेखा हरियाणा की गुरुमां हैं. वो 6 साल से भागवत कथा कर रहीं हैं. उनका जन्म 19 जनवरी 1997 में हरियाणा एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था. बेहद ही कम उम्र में इन्होंने अपनी एक अलग पहचान बना ली. आज इन्हें देश ही नहीं विदेश में भी लोग जानते हैं. आज इनके उपदेशों को सुनने वालों की संख्या करोड़ों में है. ये भारत के साथ-साथ यूके, यूएस और अफ्रीका में भी कार्यक्रम कर चुकी हैं.
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साध्वी चित्रलेखा ने अपना पहला उपदेश उत्तर प्रदेश के बरसाना में दिया था. जहां बाबा रमेश ने उन्हें अचानक सबके सामने कुछ कहने के लिए कहा, जिसके बाद देवी चित्रलेखा ने आधे घंटे तक लोगों के बीच उपदेश दिया. इसके बाद वृंदावन में इन्होंने 7 दिनों तक भागवत कथा की और देखते ही देखते चित्रलेखा साध्वी बन गईं.