- सीपीआई दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के प्रवक्ता विकल्प ने जारी किया आडियो बयान
- जवानों का गुप्तांग काटे जाने की खबर कार्पोरेट मीडिया की देन, हम जवानों के शवों के साथ अपमानजनक व्यवहार नहीं करते
- विकल्प ने कहा- हमले में मारी गई महिला कामरेडों की अश्लील वीडियो बनाते हैं सुरक्षाबलों के जवान
रायपुर/सुकमा- बुर्कापाल में हुए नक्सल हमले के बाद माओवादियों की ओर से एक आडियो बयान जारी किया गया है। ये बयान सीपीआई दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के प्रवक्ता विकल्प ने जारी किया है। आडियो में माओवादी प्रवक्ता विकल्प ने कहा है कि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा पिछले साल छत्तीसगढ़ में 9 कामरेड और ओडिशा में 9 ग्रामीणों समेत 21 कामरेडों की निर्मम हत्या की गई थी। बस्तर के आदिवासी इलाकों की युवतियों के साथ पुलिस-अर्धसैनिक बलों द्वारा यौन शोषण किया गया। इसका ही नतीजा भेज्जी और बुर्कापाल नक्सल हमला है। इस हमले को महिलाओं के सम्मान में हुए हमले के रूप में देखा जाना चाहिए।
दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के प्रवक्ता विकल्प ने आडियो बयान में कहा है कि सुरक्षा बलों के मिशन 2017 को परास्त करने के लिए ये हमला किया गया। नक्सल हमले को साहसिक बताते हुए विकल्प ने पीलजीए कमांडरों और हमले में सक्रिय सहयोग के लिए स्थानीय ग्रामीणों का अभिनंदन किया गया है।
बयान में ये भी कहा गया है कि बुर्कापाल में सीआरपीएफ जवानों पर हुई नक्सल अटैक की घटना 11 मार्च को भेज्जी में हुए हमले की निरंतरता है। ये नियोजित हमले आत्मरक्षा और क्रांतिकारी आंदोलनों को आगे बढ़ाने के लिए किया गया है। माओवादी प्रवक्ता विकल्प ने कहा कि आदिवासी जनता पर जारी सरकारी दमन से झुटकारा दिलाने के लिए भेज्जी औऱ बुर्कापाल जैसी नक्सल घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है। बस्तर के सुदूर इलाकों में आम जनता को सुविधा दिलाने के नाम पर बनाए जा रहे पुल-पुलियें, सड़क, रेल लाइन दरअसल अर्धसैनिक बलों की आवाजाही को सुगम बनाने के लिए किया जा रहा है। प्राकृतिक संपदाओं और संसाधनों को लूटने की कोशिश की जा रही है। आडियो बयान में कहा गया कि सरकार के मार्गदर्शन में मानवाधिकार संगठनों, पत्रकारों, विपक्षी राजनीतिक दलों को भी निशाना बनाया जा रहा है।
माओवादी प्रवक्ता विकल्प ने मानव अधिकार संगठन, समाज सेवी संस्था, वकील, पत्रकार, राजनीतिक दल, एक्टीविस्ट, फिल्म कलाकारों से अपील की है कि जनता के हित में किए गए नक्सल हमलों को देखे और समझे। बयान के जरिए कहा गया कि – हम हिंसावादी नहीं है। लेकिन देशी और विदेशी कार्पोरेट घरानों का प्रतिनिधित्व करने वाली केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा तैयार किये जा रहे माहौल का जवाब इस रास्ते दिया जा रहा है।
जवानों का गुप्तांग काटे जाने का किया खंडन
बुर्कापाल नक्सल हमले के दौरान जवानों का गुप्तांग काटे जाने की खबरों का माओवादी प्रवक्ता ने खंडन करते हुए कहा है कि हम हमलों में मारे जाने वाले जवानों के साथ अपमानजनक व्यवहार नहीं करते। जवानों का गुप्तांग काटे जाने का आऱोप सरकार औऱ पुलिस के दबाव में कार्पोरेट मीडिया द्वारा लगाया जा रहा है।
दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के प्रवक्ता विकल्प ने कहा है कि मुठभेड़ों में मारे जाने वाले कामरेडों की लाश को सुरक्षा बलों द्वारा क्षत-विक्षत कर दिया जाता है।सड़ने गलने तक परिवार को नहीं सौेंपा जाता। मारी गई महिला कामरेडों की अश्लील वीडियो बनाकर इंटरनेट के जरिए जारी करने की विकृत मानसिकता को अंजाम दिया जा रहा है।
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