पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद। वैसे तो दीवाली का त्योहार इस बार 19 अक्टूबर को था, जिसे पूरे देश में धूमधाम से मनाया गया. लेकिन परंपरा के मुताबिक गरियाबंद के मैनपुर कला गांव में रविवार यानि 22 अक्टूबर को दीपावली मनाई गई. यहां हर साल दीपावली और नवाखाई का पर्व रविवार या फिर बुधवार को ही मनाया जाता है.
मैनपुर कला गांव में करीब 3 हजार लोग रहते हैं, जिनकी अपनी मान्यताएं और परंपराएं हैं. गांव के बड़े-बुजुर्गों का कहना है कि सदियों से यहां गोवर्धन पूजा के बाद पड़ने वाले पहले रविवार या फिर बुधवार को ही दीपावली मनाई जाती है. उन्होंने कहा कि ऐसा क्यों किया जाता है, इसके पीछे की वजह उन्हें भी नहीं पता.
बहरहाल कल मनाई गई दीवाली में भारी भीड़ इकट्ठा हुई. सभी ने मिल-जुलकर गांव के देवी-देवताओं की पूजा की और गाय के गोबर का तिलक लगाकर एक-दूसरे के गले मिले. यहां की दीवाली देखने के लिए बड़ी संख्या में दूसरे गांवों से भी लोग पहुंचे.
गौरतलब है कि मैनपुर कला में 12 जाति के लोग रहते हैं और यहां दीवाली का त्योहार सब मिल-जुलकर मनाते हैं. सभी एक जगह पर इकट्ठा होते हैं और दीवाली मनाते हैं. गांव के लोगों का कहना है कि वे इस परंपरा को बदलना नहीं चाहते हैं. उनका कहना है कि इस परंपरा ने पूरे गांव को एकजुट कर रखा है.