पुरुषोत्तम पात्र,गरियाबंद। शिक्षकों की कमी से पालक भारी नाराज हैं, पालकों ने बुधवार को गोना मिडिल स्कूल में तालाबंदी कर चाबी मैनपुर बीईओ को सौंप दी. जब तक शिक्षकों की व्यवस्था नहीं की जाती है, तब तक स्कूल नहीं खोलने की चेतावनी भी दी गई है. साथ ही ग्रामीणों ने एक हफ्ते तक रोज एक-एक स्कूल में तालाबंदी कर चाबी बीईओ को सौंपने का भी ऐलान किया है.
मैनपुर विकासखंड के गोना मिडिल स्कूल में आज पालकों का गुस्सा तब फूट पडा, पालक अपने बच्चों की पढाई का बिगड़ता स्तर देखकर नाराज हो गये. नाराज पालकों ने स्कूल में ताला जड़ दिया और चाबी मैनपुर पहुंचकर बीईओ को सौंप दी. पालकों ने बीईओ को चेतावनी दी कि शिक्षकों की व्यवस्था के बाद ही स्कूल का ताला खोला जाये. पालक शिवकुमार मरकाम और तिलक नेताम ने बताया कि स्कूल में 60 से ज्यादा बच्चे है जो पिछले 10 साल से एक ही शिक्षक के भरोसे पढ़ाई कर रहे है. वे लगातार 10 साल से शिक्षक की मांग करते आ रहे है. लेकिन हर बार उन्हें आश्वासन के बाद में ठेंगा दिखा दिया जाता है. इस बार उन्होंने शिक्षकों की नियुक्ति के बाद ही ताला खोलने का निर्णय लिया है. ग्रामीणों ने बताया कि शिक्षकों की कमी के कारण उनके बच्चों की पढाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है बच्चों के लिए स्कूल केवल मध्यान्ह भोजन का केन्द्र मात्र बनकर रह गया है।
जनपद सदस्य संजय नेताम के मुताबिक मैनपुर विकासखंड में शिक्षकों की कमी नही है, बल्कि शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा जानबूझकर ऐसे हालात पैदा किये गये है. उन्होंने बताया कि एक ओर जहॉ स्कूल शिक्षकों की कमी से जूूझ रहे है. वही दूसरी ओर विकासखंड में 40 अतिशेष शिक्षक है, जिन्हें विभाग के अधिकारियों ने जरुरतमंद स्कूलों में ना भेजकर लेनदेन कर अपनी पसंद के स्कूलों में भेज दिया है. जिसके चलते जरुरतमंद स्कूलों की जरुरतें जस की तस रह गयी. जनप्रतिनिधि और ग्रामीण विभाग के रवैये से भारी नाराज है.
इतना सबकुछ हो जाने के बाद भी शिक्षा विभाग के कानों में जूं तक रेंगती नजर नही आ रही है, बल्कि बीईओ विजय कुमार लहरे की माने तो सभी स्कूलो मे सब कुछ ठीक चल रहा है.
शिक्षा विभाग तरफ सरकार बेहतर शिक्षा का दावा कर ही है, वही दुसरी और गरियाबंद जिला प्रशासन सरकार के दावों पर पानी फेर रहा है. ऐसे में ना तो सरकार अपने दावो पर खरी उतर पायेगी और ना ही जिले के बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सकेगी. जरुरी होगा कि स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति की जाये और बच्चों के भविष्य के लिए बेहतर शिक्षा उपलब्ध करायी जाये. जब पढेगा इंडिया, तभी तो आगे बढेगा इंडिया.