सुप्रिया पांडेय, रायपुर। सरकार के धान रकबा आंकलन के नए नियम को काला कानून बताते हुए भाजपा किसान मोर्चा ने विरोध स्वरूप एकात्म परिसर में गिरदावरी आदेश की प्रतियाँ जलाई. किसान मोर्चा ने नए आदेश को किसानों का रकबा कम दर्शाकर धान की कम खरीदी करने की सरकार की साजिश करार दिया.
किसान मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष संदीप शर्मा ने बताया कि धान बेचने के लिए भूमि की पंजीयन के लिए गिरदावरी का काम चल रहा है. इसमें जिस रकबे में धान बोया जाता है, उस रकबे को कम किया गया है. दरअसल, सरकार किसानों की धान नहीं खरीदना चाहती, बल्कि उसकी मंशा येन-केन-प्रकारेण धान का जो क्षेत्र है, उसमे कटौती करने के लिए सरकार ने काला आदेश जारी किया है. पटवारियों से कहा गया है कि किसानों की खेत की मेड को नाप कर उस खेत के रकबा से अलग कीजिए.
उन्होंने कहा कि यदि हम बीमा कराते हैं तो बीमा कंपनियों को इस तरह से नहीं कहते है, जब हम घर, जमीन की खरीदी-बिक्री और पंजीयन करते हैं, तो सरकार यह नहीं कहती कि आपसे मेड का पंजीयन का शुल्क नहीं लेंगे, क्योंकि इसमें खेती नहीं होती. यह किसानों से कम धान खरीदी करने की एक कवायद है, जो उजागर हो गया है. भाजपा किसान मोर्चा सरकार से मांग है कि इस काले कानून के जरिए किसानों को और राजस्व विभाग के निचले स्तर के कर्मचारियों को प्रताड़ित करना बंद किया जाए अन्यथा हम सड़क से लेकर सदन की लड़ाई करने के लिए तैयार है.