इन दिनों रिश्तों की डोर कुछ कमजोर पड़ गई है. हम पति-पत्नी के रिश्तों की बात कर रहे है. Sex के बारे में महिलाओं और पुरुषों की थिंकिंग में बेसिक फ़र्क़ होता है.

 जहां पुरुष झटपट और जोश से भरा सेक्स चाहते हैं, वहीं महिलाएं लंबे समय तक चलने वाले सेक्स में विश्वास करती हैं. पर अंतरंग संबंध सही मायने में तभी पूरा माना जा सकता है, जब महिला-पुरुष दोनों एक-दूसरे को समझें. एक-दूसरे की इच्छाओं का सम्मान करें. आज हम यहां चर्चा करने जा रहे हैं उन सेक्स के 5 रूल्स की, जो महिलाएं पुरुषों को सिखाना और बताना चाहती हैं.

क्या आपको पता है …X करते समय क्यों निकालती हैं आवाज़ें?

1 Rule: यह पूरी तरह से दोतरफ़ा मामला है

हालांकि सभी मामलों में नहीं, पर ज़्यादातर मामलों में पुरुष सेक्स को लेकर थोड़े जल्दबाज़ क़िस्म के होते हैं. वे अपनी संतुष्टि और अपनी इच्छाओं को ज़्यादा अहमियत देते हैं. जैसे कि सेक्स को हिंदी में संभोग कहा जाता है. यानी वह क्रिया, जिसमें दोनों पार्टनर्स का इन्वॉल्वमेंट समान रूप से होना चाहिए. महिलाएं चाहती हैं पुरुष यह बात समझें कि सेक्स पूरी तरह से दोतरफ़ा मामला है. ऑर्गैज़्म या ओरल सेक्स की अहमियत अगर पुरुषों के लिए है तो वे भी इसमें समान हिस्सेदारी चाहती हैं.

2 Rule: सेक्स कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है

आज की दुनिया में हर कोई दूसरे से आगे रहना चाहता है. चाहे बात हमारी रियल ज़िंदगी की हो, सोशल मीडिया पर मौजूदगी की. धीरे-धीरे हम इतने प्रतिस्पर्धी हो जाते हैं कि निजी रिश्तों में यह बात आ जाती है. और तो और अंतरंग पलों में भी आगे रहने वाली बात आ जाती है. पर आपको यह समझना चाहिए कि सेक्स कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है, जहां आपको पहले क्लाइमेक्स तक पहुंचना है. पहले क्लाइमेक्स पर पहुंचना जीतने वाली बात नहीं है. अधिकतर महिलाएं सेक्स को आहिस्ता-आहिस्ता की जानेवाली गतिविधि के तौर पर देखती हैं. फ़ोरप्ले और आफ़्टरप्ले को काफ़ी अहमियत देती हैं.

3 Rule: यह दो मशीनों का मिलन नहीं है

पुरुषों के बारे में यह बात काफ़ी कही सुनी जाती है कि उनको ऑर्गैज़्म तक पहुंचने के लिए फ़ीलिंग्स की ज़रूरत नहीं होती. वे बिना मानसिक रूप से इन्वॉल्व हुए अंतरंग पलों का भरपूर आनंद उठा लेते हैं. पर महिलाओं के मामले में यह पूरी थ्योरी उल्टी है. महिलाएं जब तक अपने पार्टनर से भावनात्मक रूप से अटैचमेंट महसूस नहीं करतीं, तब तक वे सेक्स के लिए कंफ़र्टेबल नहीं हो पातीं. वे रिश्ते में सेक्स से ज़्यादा प्यार की भूखी होती हैं. यानी कि स्पष्ट है कि मशीनों और इंसानों में फ़र्क़ फ़ीलिंग्स का ही है.

4 Rule: मजे से ज़्यादा ज़रूरी है सुरक्षा

कई अध्ययन आते हैं जो कहते हैं महिला और पुरुष सेक्स का आनंद तक उठाते हैं जब वे बिना कॉन्डम सेक्स करते हैं. वहीं कुछ अध्ययन इस पॉप्युलर थ्योरी का खंडन भी करते हैं. देखिए जब आप सेक्स करते हैं तब किसी थ्योरी के प्रभाव में तो नहीं करते. आप एक-दूसरे की ओर आकर्षित होते हैं, भावनात्मक रूप से जुड़ाव महसूस करते हैं, तब बात बिस्तर तक पहुंचती है. जिसके साथ आप जुड़ाव और प्यार महसूस करते हैं उसकी सुरक्षा का ध्यान रखना बहुत ज़रूरी है. तो आपको अनचाही प्रेग्नेंसी और एसटीडी से बचने के लिए सुरक्षित संबंध बनाना चाहिए. आप पाएंगे, सबसे अधिक आनंद सुरक्षा में ही है.

5 Rule: आप पॉर्न इंडस्ट्री के कलाकार नहीं हैं

पॉर्न वीडियोज़ की ईज़ी अवेलेबिलिटी ने हमारे दिमाग़ों में अनजाने ही कई फ़ालतू बातें भर दी हैं. अकेले पुरुषों को ही दोष क्यों दें, कुछ महिलाएं भी बिस्तर पर अपने पसंदीदा पॉर्न स्टार की तरह हरक़तें करना चाहती हैं. पर अब भी ज़्यादातर महिलाएं हार्डकोर और रफ़ सेक्स के पक्ष में नहीं होतीं. यहां भी बात फ़ील करने और इमोशनली अटैच होने की आती है. इसलिए पार्टनर के आग्रह और अपनी इच्छा को समझने-समझाने के बाद ही बिस्तर पर पॉर्न फ़िल्मों के किरदारों को कॉपी करने की कोशिश करें. वैसे बता दें अगर आप पॉर्न फ़िल्मों के कलाकारों से प्रतिस्पर्धा करने की कोशिश करेंगे तो आप दिमाग़ी रूप से हार ही जाएंगे. आख़िरकार वो भी फ़िल्में हैं. उनमें प्रोफ़ेशनल कलाकार काम करते हैं. उन्हें ख़ास तरीक़े से शूट किया जाता है. वो स्क्रिप्टेड होती हैं. जबकि आपके बेडरूम की गतिविधियां प्रोफ़ेशनल नहीं, पर्सनल टच वाली होती हैं.