श्मशान चाहे कोई भी, वहां तो सिर्फ अपनों से बिछुड़ने के गम में डूबे लोग ही मिलेंगे. लेकिन आज हम आपको उस श्मशान घाट के बारे में बताते है, जहां चिता की आग कभी नहीं बुझती, वहां की अजब परम्परा है.

परम्परा ये है कि वहां चैत्र नवरात्र की सप्तमी-अष्टमी की दरम्यानी रात में तवायफें पूरी रात चिताओं के बीच ठुमके लगाती हैं.

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गमों के सैलाब के बीच तवायफों की यह महफिल किसी जश्न का जरिया नहीं, बल्कि ये महाश्मशान बाबा के दर पर उनकी तपस्या है. मान्यता है कि ऐसा करने पर तवायफों को अगले जन्म में इज्जत भरी जिन्दगी मिलती है.

देखिए पूरा वीडियो की कहां है ये श्मशान घाट और क्यों नाचती है बार बालाएं