रायपुर। IAS एलेक्स पॉल मेनन ने कुछ दिनों पहले अपने ट्विटर और फेसबुक अकाउंट पर एक वेबसाइट की खबर का हवाला देते हुए आरुषि-हेमराज मर्डर केस पर विवादित टिप्पणी की थी. दरअसल उन्होंने लिखा था कि आरुषि तलवार, हेमराज मर्डर केस इस बात का सटीक उदाहरण है कि क्यों न्यायपालिका में सुधार की आवश्यकता है.
इस पर मेनन का काफी विरोध हुआ. अब सामाजिक कार्यकर्ता कुणाल शुक्ला ने भारत सरकार के कार्मिक प्रशिक्षण मंत्रालय, नई दिल्ली के सचिव के नाम एक पत्र लिखा है, जिसमें एलेक्स पॉल मेनन के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की मांग की गई है.
कुणाल शुक्ला ने एलेक्स पॉल की फेसबुक पोस्ट की प्रतिलिपि भी संलग्न की है और कहा है कि उन्होंने माननीय कोर्ट के फैसले और न्याय व्यवस्था पर टिप्पणी की है, जो न्यायालय की अवमानना है. साथ ही अधिकारी का कानून के प्रति असम्मान को प्रदर्शित करता है. इस पत्र की एक प्रतिलिपि मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ शासन को भी कुणाल शुक्ला ने दी है.
वहीं जब हमने एलेक्स पॉल मेनन से उनका पक्ष जानना चाहा, तो उन्होंने इस मामले में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.
गौरतलब है कि 2008 के चर्चित मर्डर मिस्ट्री मामले के मुख्य आरोपी राजेश तलवार और नूपुर तलवार को हाईकोर्ट इलाहाबाद ने बरी कर दिया है. इसे लेकर लोग पुलिस और CBI के कामकाज पर भी सवाल उठा रहे हैं.
पहले भी फंस चुके हैं विवादों में
बता दें कि एलेक्स पॉल मेनन पहले भी विवादों में आ चुके हैं. 18 जून को उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा था कि ‘कोर्ट द्वारा फांसी की सजा 94 फीसदी दलितों-मुस्लिमों को दिया जाना क्या न्यायिक व्यवस्था का पक्षपातपूर्ण रवैया नहीं दिखाता?’ इस पर भी खूब विवाद हुआ था.
राज्य सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए मेनन को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. साथ ही ये चेतावनी दी गई थी कि वे सोशल मीडिया पर सरकार की कार्यप्रणाली या कोर्ट को लेकर आपत्तिजनक पोस्ट नहीं लिखें.