बाराबंकी। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश की योगी सरकार कोरोना संक्रमण का सहारा लेकर पंचायत चुनाव प्रभावित करना चाहती है. कोरोना की आड़ में योगी सरकार हमारे अधिकारों को छीनना चाहती है. आप सभी से अपील है कि आप सभी लोग सजग रहें.

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किसी के बहकावे में प्रभावित न हो. अखिलेश यादव ने शनिवार को बाराबंकी में पूर्व केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा की प्रतिमा का लोकार्पण करने पहुंचे थे और जनसभा को संबोधित किया. उन्होंने सरकार पर चुनाव को प्रभावित करने का आरोप लगाया.

2022 में सपा की सरकार जरूर बनेगी

उन्होंने कहा कि योगी सरकार के चार साल पूरे हो गए हैं. प्रदेश में एक भी उद्योग नहीं लगा और पांच लाख करोड़ के एमओयू का दावा किया गया था. उन्होंने कहा कि योगी सरकार गरीबों, पिछड़ों, किसानों व बेरोजगारों के हक पर डाका डाल रही है. सभी सरकारी संस्थाओं को कंपनी बनाया जा रहा है. इससे आरक्षण प्रभावित होगा, किसी को इसका लाभ नहीं मिलेगा. किसानों की कृषि योग्य भूमि चली जाएगी. सब कुछ उद्योगपतियों के हाथ में होगा. उन्होंने भरोसा दिलाया कि 2022 में सपा की सरकार जरूर बनेगी.

कहा जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव चुनावी वर्ष और पंचायत चुनाव के शंखनाद के वक्त प्रतिमा के प्रतीक के सहारे कई सियासी गणित साधने की कोशिश कर रहे हैं. पूर्व मंत्री राकेश वर्मा ने कार्यक्रम को पूरी तरह सफल बनाने के लिए प्रयास किया तो पार्टी के दिग्गज नेताओं से लेकर कार्यकर्ताओं तक ने अपने नेता की अगवानी के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी. लखनऊ सीमा से लेकर कार्यक्रम स्थल तक का रास्ता होर्डिंग्स और बैनर से पाट दिया गया.

समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव के सबसे करीबी साथी और राजनीति के क्षेत्र में अपना अलग मुकाम हासिल करने वाले बेनी प्रसाद वर्मा अपनी बेबाक, बेखौफ और कड़क राजनीति करने के लिए जाने जाते हैं. जिले में सड़कों का जाल हो या फिर घर-घर संचार सुविधा उपलब्ध कराने का जिक्र होता है तो यह उपलब्धि बेनी बाबू के खाते में गिनी जाती है. ऐसी तमाम उपलब्धि गिनते नही थक रहे थे.

किसानों के मुद्दों पर राजनीति

70 के दशक से गन्ना किसानों के मुद्दों पर राजनीति में कदम रखने वाले बेनी बाबू को विकास पुरुष के रूप में भी स्थान मिला. उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दरियाबाद और मसौली से लगातार विधायक तो चुने ही गए बल्कि गोंडा और कैसरगंज से सांसद भी बने. अपने अक्खड़ स्वभाव के कारण सपा से अलग होकर पार्टी भी बनाई. कांग्रेस में भी गए, मंत्री रहे. पर उनका मन सपा में ही रहा. यही कारण था कि वह फिर लौट आए.

मोहन लाल वर्मा एजुकेशनल इंस्टीट्यूट

एक वर्ष पहले 27 मार्च को उनका देहांत हो गया. पहली पुण्यतिथि पर मोहन लाल वर्मा एजुकेशनल इंस्टीट्यूट में प्रतिमा अनावरण एवं श्रद्घांजलि सभा होनी है. इसके मुख्य अतिथि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव होंगे. कई दिनों से बेनी बाबू के पुत्र व पूर्व मंत्री राकेश वर्मा अपनी पूरी टीम के साथ तैयारियों में जुटे हैं तो पार्टी के नेता व कार्यकर्ता भी ऐतिहासिक स्वागत करने की तैयारी में हैं.

पंचायत चुनाव की शंखनाद

चुनावी वर्ष और पंचायत चुनाव के शंखनाद के बीच अखिलेश यादव श्रद्घांजलि सभा में प्रतिमा को प्रतीक मानकर कई सियासी गणित साध सकते हैं. कुर्मी मतदाताओं को साधने के साथ ही पहली बार पांच सीट जीतकर सपा के गढ़ को फतह करने वाली भाजपा को मात देने के लिए बेनी बाबू के पुराने रिश्तों का जिक्र कर पार्टी में नई ऊर्जा भरेंगे. जिसका असर आसपास के जिले गोंडा, बहराइच, अयोध्या, रायबरेली पर भी पड़ सकता है. यही नही पूर्व सीएम अखिलेश यादव के कार्यकर्ताओं ने लखनऊ अयोध्या हाइवे पर बैनर में मैट्रो में तो कई विकास पुरुष के नाम के बैनर लगे दिखाई दिए.

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