नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बुधवार को एक अप्रैल से लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दर घटाने का फैसला लिया था. लेकिन इस आदेश को वित्त मंत्रालय ने वापस ले लिया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि गलती से ब्याज दर घटाने का आदेश जारी हो गया था. सभी योजनाओं पर ब्याज दर वही रहेगी, जो पिछले साल मार्च तिमाही में थी. लघु बचत योजनाओं पर पुरानी ब्याज दर जारी रहेगी.

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चुनाव के बाद ब्याज दर नहीं घटाएंगीं?

सरकार के इस फैसला पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने तंज कसा है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि ‘चुनाव के डर से मोदी-शाह-निर्मला सरकार ने अपना गरीब व आम आदमी की Small Savings की ब्याज दर का निर्णय बदल दिया, धन्यवाद, लेकिन निर्मला जी यह वादा भी कर दीजिए कि चुनाव हो जाने के बाद भी आप फिर से ब्याज दर नहीं घटाएंगीं.’

एक अन्य ट्वीट में दिग्विजय सिंह ने कहा कि ‘निर्मला जी यह भी हमें बता दें कि किसकी “Oversight” से यह आदेश निकले और ऐसे समय में जब भाजपा लोगों को लुभाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है यह आदेश कैसे निकल गया.’ वहीं, टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि चुनाव रैली में मोदी-शाह झूठे वादे कर रहे हैं, इसलिए ये फैसला वापस लिया गया.

जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, बचत खातों पर सालाना ब्याज की दर 4 फीसदी से घटाकर 3.5 फीसदी कर दी गई थी. बचत खाते के अलावा पीपीएफ खाते पर मिलने वाली ब्याज दर भी 7.1 फीसदी से घटाकर 6.4 फीसदी कर दी गई थी. वहीं वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाला ब्याज 7.4 फीसदी से कम करके 6.5 फीसदी कर दिया गया था. सरकार ने बेटियों के लिए शुरू की गई सुकन्या समृ्द्धि योजना में ऊंची ब्याज दरों की घोषणा की थी. अब तक सुकन्या समृद्धि खाता धारकों को सालाना 7.6 फीसदी की दर से ब्याज मिलता था, लेकिन अब ये ब्याज दर भी घटकर 6.9 फीसदी कर दी गई थी. सुकन्या समृद्धि खाते की ब्याज दरों में 0.7 फीसदी की कटौती का ऐलान किया गया था.

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