मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर में संक्रमण न फैले इसके लिए यह जरूरी है कि बाहर से आने वाला हर व्यक्ति बिना टेस्टिंग के न तो गांव में और न ही शहर में जाए. आवश्यकता अनुसार उन्हें क्वॉरेंटाइन सेंटर और आइसोलेशन केन्द्र में रखने की व्यवस्था की जाए. बाहर  से आने वालों की एयरपोर्ट, रेल्वे स्टेशन, बस स्टेंड, अंतर्राज्यीय सीमाओं के एन्ट्री पाइंट पर ही टेस्टिंग सुनिश्चित कर ली जाए. हमारा फोकस टेस्टिंग के साथ-साथ मरीजों के इलाज, वैक्सीनेशन, कोरोना संक्रमण की रोकथाम और संक्रमित व्यक्तियों की कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग और सघन जांच पर होना चाहिए. कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग से संक्रमण को रोकने में काफी हद तक मदद मिलेगी.

ड्राइवरों और क्लीनरों की जांच

मुख्यमंत्री ने कहा कि छुट्टी से लौटने वाले सीआरपीएफ और पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों की टेस्टिंग एन्ट्री पाइंट पर की जाए. उन्हें क्वॉरेंटाइन और आइसोलेशन में रखने के बाद ही कैम्पों में जाने की अनुमति दी जाए. उन्होंने कहा कि पिछली बार इसी वजह से बस्तर में संक्रमण बढ़ा था. बस्तर आईजी आने वाले जवानों की जानकारी रखें और ऐसे जवानों को लाने के लिए पृथक वाहन की व्यवस्था करें. जवान सार्वजनिक परिवहन के साधनों से वापस न लौटे. उन्होंने कहा कि खदान क्षेत्रों में ट्रकों में आने वाले ड्राइवरों और क्लीनरों की जांच की जाए और उन्हें मजदूरों से अलग रखने की व्यवस्था की जाए.

लोगों को सुगमता से रोजगार उपलब्ध होगा

मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए कोरोना से बचाव की गाइडलाइन का पालन करते हुए मनरेगा और लघु वनोपजों के संग्रहण कार्य प्रारंभ किए जाएं. इससे लोगों को सुगमता से रोजगार उपलब्ध होगा और अतिरिक्त आमदनी भी मिलेगी. स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने बस्तर संभाग में कोरोना संक्रमण की स्थिति के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए हर आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कहा.

आइसोलेशन सेंटर की स्थापना

सीएम बघेल ने सभी कलेक्टरों को अपने-अपने जिले में पंचायतवार बाहर गए मजदूरों और लोगों की जानकारी भी एकत्रकर पोर्टल में प्रदर्शित करने को कहा. उन्होंने ग्राम पंचायतों में क्वॉरेंटाइन सेंटर और आइसोलेशन सेंटर की स्थापना के संबंध में भी आवश्यक निर्देश दिए.

मेडिकल स्टॉफ की उपलब्धता

मुख्यमंत्री बघेल ने बैठक में बस्तर संभाग के सभी जिलों में ऑक्सीजन बेड, आईसीयू बेड, वेंटिलेटर वाले बेड की उपलब्धता, ऑक्सीजन की सप्लाई चैन, ऑक्सीजन सिलेंडरों की उपलब्धता और रोटेशन, मेडिकल स्टॉफ की उपलब्धता, रेमडेसिविर और अन्य आवश्यक दवाइयों की उपलब्धता और सीएसआर मद, औद्योगिक क्षेत्र और सामाजिक संगठनों के सहयोग से किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की.

बैठक में ये रहे शामिल

बैठक में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य रेणु जी पिल्ले, अपर मुुख्य सचिव गृह सुब्रत साहू, मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, बस्तर संभाग के कमिश्नर, आईजी, इन सभी 7 जिलों के जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक शामिल हुए.

  • कर्तव्य के प्रति सजगता से ही मिलेगी सफलता
  • बाहर से आने वाला हर व्यक्ति के टेस्टिंग के बिना शहर या गांवों में प्रवेश पर मनाही
  • छुट्टी से लौटने वाले सीआरपीएफ और पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों को टेस्टिंग और क्वॉरेंटाइन के बाद ही कैम्पों में भेजा जाए
  • खदान क्षेत्रों में बाहर से आने वाले ड्राइवर और क्लीनरों की जांच और मजदूरों से अलग रखने की हो व्यवस्था
  • कोविड की गाइडलाइन का पालन करते हुए मनरेगा और लघु वनोपजों के संग्रहण के काम प्रारंभ किए जाए
  • टेस्टिंग, मरीजों के इलाज, वैक्सीनेशन और कोरोना संक्रमण की रोकथाम पर हो फोकस
  • कोरोना संक्रमितों के कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग का पता कर सघन जांच की हो कार्रवाई

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