बीजापुर। छत्तीसगढ़ में पहली बार नक्सलियों पर एयर स्ट्राइक हुआ है. सुरबा बल के जवानों ने ड्रोन से माओवादियों पर 12 बम गिराया है. लेकिन ड्रोन हमले से पहले ही माओवादियों ने जगह बदल ली थी. जिससे माओवादियों को कोई नुकसान नहीं हुआ. दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (DKSZC) के प्रवक्ता विकल्प ने प्रेस नोट जारी कर यह जानकारी दी है. माओवादियों के मुताबिक पामेड़ थाना क्षेत्र के बोत्तालंका और पाला गुडेम गांव में ड्रोन हमला हुआ है.

19 अप्रैल को हुआ था एयर स्ट्राइक

जारी की गई प्रेस नोट के मुताबिक 19 अप्रैल दोपहर 3 बजे बीजापुर जिले के बोत्तालंका और पलागुड़ेम गांवों के बीच ड्रोन के जरिए नक्सलियों पर बमबारी की गई. 3 अप्रैल को हुई पुलिस-नक्सली मुठभेड़ का बदला लेने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पुलिस अधिकारियों ने हमला करवाया है. पुलिस वालों के मनोबल को ऊपर उटाने के लिए और कॉरपोरेट घरों को विश्वास दिलाने के लिए ड्रोन हमले करने का फैसला किया. यह ड्रोन हमला दर्शाता है कि फासीवादी लोंगो का राजनीतिक दीवालियपन और आतंकवादी लक्षण का.

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एयर स्ट्राइक से पहले नक्सलियों ने बदल ली थी जगह

प्रेस नोट में कहा है कि आसमान में लगातार ड्रोन और हेलिकाप्टर घूमता देख जनता और पीएलजीए ने अपनी जगह बदल ली थी. जिससे एक बड़े खतरे को टाल दिया. ड्रोन हमला में 12 बम डाला गया था. इससे पेड़-पौधे, कुछ जंगली जानवर और प्राकृति को नुकसान हुआ है. दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी ने एयर स्ट्राइक का फोटो औऱ वीडियो भी जारी किया है.

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प्रेस नोट में कोरोना का जिक्र

प्रेस नोट में लिखा है कि देश और दुनिया कोरोना बीमार से जुझ रही है. मौत की संख्या में मोदी सरकार की दुनिया में दूसरी स्थान पर है. साम्राज्यवादियों का मुनाफा के लिए बनाया गया कोरोना को रोकने में सभी सरकारें विफल हो गई. मोदी सरकार घोर विफल के साथ टीकाकरण के बारे में कितना झूठ प्रचार कर रही है. लॉकडाउन लगाकर जनता की मसीबत को और बढ़ा दिया गया.

मुठभेड़ में 22 जवानों की शहादत

बता दें कि बीजापुर जिले के टेकुलगुडम में 3 अप्रैल को हुए पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में 22 जवानों की शहादत हुई है. सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच साढ़े चार घंटे तक मुठभेड़ चली. 30 घायल जवानों को अस्पताल पहुंचाया गया है, जिनमें 13 का इलाज रायपुर और 18 का बीजापुर में चल रहा है.

मुठभेड़ में 4 नक्सली हुए थे ढेर

पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में 4 नक्सली ढेर हुए थे. जिसमें ओड़ी सन्नी, पदाम लखमा, कोवासी बदरू और नपा सुरेश शामिल है. पुलिस ने महिला नक्सली सन्नी का शव बरामद कर लिया था. बाकी तीन नक्सलियों का जनता के बीच रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार कर दिया गया.

 

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