रायपुर। पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने संविदा पर काम कर रहे रिटायर्ड IAS आलोक शुक्ला को स्वास्थ्य विभाग की कमान सौंपने पर छत्तीसगढ़ सरकार पर तीखे सवाल दागे हैं. राजेश मूणत ने कहा कि विपक्ष में रहते हुए चिठ्ठी लिखकर सीएम भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव जिस अधिकारी की गिरफ़्तारी चाह रहे थे, आज सत्ता में होते हुए उसी को लगातार उपकृत और पुरस्कृत होता देखकर नेताद्वय की चुप्पी यक़ीनन हैरतभरी है. मूणत ने राज्य सरकार के फैसले को प्रदेश सरकार के दोहरे राजनीतिक चरित्र का परिचायक बताया है.

आलोक शुक्ला को स्वास्थ्य विभाग का प्रभार देने पर BJP ने उठाए सवाल

दरअसल, स्वास्थ्य विभाग की ACS रेणु पिल्लै किसी वजह से लीव पर चली गई हैं. रिटायर्ड IAS डॉ. आलोक शुक्ला को स्वास्थ्य विभाग की कमान सौंपी गई है. पिछले साल रेणु पिल्लै स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ की गई थीं. अब छत्तीसगढ़ में डॉ. आलोक शुक्ला स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी संभालेंगे. भूपेश सरकार ने शिक्षा और माध्यमिक शिक्षा मंडल के चेयरमेन के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग का एडिशनल जिम्मा डॉ.आलोक को दिया है. इसे लेकर राजेश मूणत ने छत्तीसगढ़ सरकार पर सवाल उठाए हैं.

विपक्ष में रहते हुए सिंहदेव ने आलोक शुक्ला मामले में पीएम मोदी से की थी शिकायत 

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व मंत्री मूणत ने कहा कि प्रदेश में विपक्ष रहते हुए जिन टीएस सिंहदेव को डॉ. शुक्ला से काफी शिकायतें थीं. आज प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री के तौर पर टीएस सिंहदेव और प्रदेश सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा उन्हें लगातार एक के बाद एक अहम ज़िम्मेदारियां सौंपकर उपकृत और पुरस्कृत किया जा रहा है.

मूणत ने कहा कि सिंहदेव ने विपक्ष में रहते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 12 अप्रैल, 2017 को लिखे गए उनके पत्र का हवाला देते हुए कहा कि तब मंत्री सिंहदेव ने प्रधानमंत्री मोदी से नान घोटाले के उजागर होने के बाद दो आईएएस अफ़सरों की गिरफ़्तारी और उनके ठिकानों में छापेमारी नहीं होने शिकायत की थी. तब सिंहदेव ने इन दोनों अधिकारियों की इस मामले में मुख्य भूमिका होने की बात कहते हुए प्रधानमंत्री मोदी को दो पृष्ठों का एक पत्र लिख भेजा था और उस पत्र में भूपेश बघेल ने भी हस्ताक्षर किया था.

मूणत ने हैरानी जताई कि विपक्ष में रहते हुए सिंहदेव और भूपेश बघेल ने जिस अधिकारी के ख़िलाफ़ कार्रवाई और गिरफ़्तारी तक की मांग कर रहे थे, आज मुख्यमंत्री और मंत्री बनने के बाद सिंहदेव के मंत्रालय में ही उन्हें अहम ज़िम्मेदारियों से नवाज़ रहे हैं. उसी अधिकारी को लगातार उपकृत और पुरस्कृत होता हुआ देखकर भी नेताद्वय की चुप्पी यक़ीनन हैरत की बात है.

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