गरियाबंद। देवभोग से 30 किमी दूरी पर स्थित खोखसरा ब्लॉक के डालगुमा पंचायत के छिल्पामाल गांव में प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है. कोरोना पॉजिटिव युवक को 4 दिनों तक पेड़ के नीचे रात गुजारना पड़ा. इस बीच न स्वास्थ्य अमला वहां पहुंचा और न ही कोई जिम्मेदार पहुंचे. जानकारी के मुताबिक परिवार के 5 सदस्यों के साथ दो कमरे के मकान में रह रहा युवक कोरोना पॉजिटिव आ गया. ऐसे में होमआइसोलेशन के लिए कमरे नहीं थे. इसलिए पेड़ के नीचे 4 रात गुजारा. पांचवें दिन स्वास्थ्य अमला ने केयर सेंटर में शिफ्ट किया.

युवक ने पेड़ के नीचे बिताए 4 दिन

मामला ओडिशा राज्य के पड़ोसी जिला कालाहांडी का है. देवभोग से 30 किमी दूरी पर स्थित खोखसरा ब्लॉक के डालगुमा पंचायत के छिल्पामाल ग्राम में रहने वाला युवक खिरोद नायक 28 अप्रैल को बीमार मां के इलाज के लिए भवानीपटना जिला अस्पताल लेकर गया था. मां के चेकअप के दरम्यान ही डॉक्टर ने खीरोद में दिखे लक्षण को देखते हुए कोरोना टेस्ट की सलाह दी. कोरोना टेस्ट में रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. उसी दिन दोपहर बाद अलग-अलग संसाधन से मां बेटा घर वापस आए. खिरोद अपने माता पिता और 2 भाइयों के साथ दो कमरे के मकान में रहता है.

एक तो किचन है दूसरे कमरे में आइसोलेशन रह पाना संभव नहीं था. इसलिए उसने गांव के बाहर पेड़ को अपना ठिकाना बना लिया. घर से रोज खाना जाता था, चटाई और अन्य जरूरी सामान साथ रख लिया था. आज पांचवे दिन मामला सोसल मीडिया पर आने के बाद इसकी भनक प्रशासन को लगी. परला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के अंर्तगत ग्राम आता है. इसलिए यंहा के स्टाफ को भेज कर खिरोद को परला में मौजूद केयर सेंटर में शिफ्ट किया गया.

मामले में खोकसरा ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर तत्वदर्शी दास ने ओडिसा मीडिया को दिए बयान में कहा है कि रिपोर्ट आने के बाद जिले में ही इसकी फ़रमिलिटी पूरी की गई थी. तब युवक ने होमइसोलेशन में रहने की इच्छा जताई थी. लौटने के बाद ब्लॉक में किसी को अवगत नही कराया था. जैसे पता चला उसे परला कोविड केयर में शिफ्ट किया गया है.

सिस्टम पर उठा सवाल

4 दिन तक पेड़ के नीचे आइसोलेट होने वाली इस घटना ने सिस्टम की पोल खोल दी है. युवक के पॉजिटिव होने की रिपोर्ट जिले से ही ब्लॉक को चले जाना था, लेकिन बीएमओ के मुताबिक उन्हें सूचना नहीं मिली थी, न ही युवक ने दिया था. कोविड प्रोटोकॉल मेन्टेन्स की जवाबदारी पंचायत को दी गई है, लेकिन उन्होंने ने भी नहीं बताया. होम आइसोलेशन के तय प्रोटोकोल के मुताबिक कॉल कर के लाइनअप और अन्य जरूरी रिपोर्ट लेने की प्रक्रिया भी नहीं पूरी की गई थी.

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