रामकुमार यादव, अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर जिले के जंगल में एक उड़ने वाली दुर्लभ गिलहरी मिली है. यह दुर्लभ गिलहरी लखनपुर ब्लॉक के तराजू गांव में घायल अवस्था में मिली है. जिसे इलाज और सुरक्षित रखने के लिए जिला मुख्यालय के संजय पार्क लाया गया है.
पशु चिकित्सक डॉक्टर सी के मिश्रा के मुताबिक तराजू गांव से जो दुर्लभ गिलहरी रेस्क्यू की गई है, वो गिलहरी की पाए जाने वाली 50 प्रजाति में से एक है. ये उड़ने वाली गिलहरी है. इसकी उम्र 2 से 3 साल है. ऐसी गिलहरी की अधिकतम उम्र 8 वर्ष तक होती है.
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जानकारी के मुताबिक घने जंगलों में रहने वाली ऐसी दुर्लभ गिलहरी पहली बार जिले के जंगल में मिली है. जिससे वन विभाग के अधिकारियों ने खुशी भी जाहिर की है. बहरहाल उड़ने वाली आकर्षक गिलहरी घायल है. जिसका इलाज वन विभाग के अधिकारियों और पशु चिकित्सकों की निगरानी में की जा रही है.
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बता दें कि उड़न गिलहरी को फ्लाइंग स्क्यूरेल के नाम से भी जाना जाता है. वैज्ञानिक भाषा में इसे टेरोमायनी या पेटोरिस्टाइनी कहा जाता है. तंक रोडेन्ट यानी कुतरने वाले जीव के परिवार का यह जंतु है, जो उड़ने (ग्लाइडिंग) की क्षमता रखता है.
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