बाराबंकी. एम्बुलेंस मामले के प्रकाश में आने के बाद बसपा विधायक माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के लिए प्रभारी मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी नंद कुमार ने वारंट जारी कर मुख्तार अंसारी को न्यायालय में तलब किया है. हालांकि यह प्रक्रिया वैश्विक महामारी कोविड 19 कोरोना के दृष्टिगत वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए की जाने की संभावना जताई जा रही है.

बता दें कि पूर्व में माफिया डॉन मुख्तार अंसारी पंजाब प्रांत की रोपड़ जेल में बंद था. उसकी पेशी पंजाब के ही मोहाली स्थित कोर्ट में पेशी के लिए वर्ष 2013 से एक बाराबंकी नंबर की एम्बुलेंस का प्रयोग होता रहा है. सोशल मीडिया पर वायरल एम्बुलेंस का रजिस्ट्रेशन एआरटीओ बाराबंकी के कार्यालय का था, जो कि फर्जी पते डा. अलका राय के मऊ जिले में स्थित श्याम संजीवनी अस्पताल के नाम पर दर्ज था. एम्बुलेंस को बीते वर्षों से विधायक मुख्तार अंसारी के निजी प्रयोग के लिए थी. जिसके बाद निरीक्षक महेंद्र प्रताप सिंह की टीम डॉ. अलका राय, उनके साथी एसएन राय व राजनाथ यादव को मऊ जिले से गिरफ्तार करके जिला जेल लेकर आई थी. उसी समय जिला जेल की हाई सिक्योरिटी बैरक में तीनों को रखा गया है.

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पूरे प्रकरण के विवेचक कोतवाली नगर में तैनात द्वितीय निरीक्षक महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि वारंट तामिला कराने पुलिस टीम बांदा जेल को गई थी वहां वारंट तामिल हो गया उसके बाद 14 जून को जिला न्यायालय में मुख्तार अंसारी की पेशी लगाई है. हालांकि जानकारों की माने तो ये पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से होने की अधिक संभावना है. क्योंकि वर्तमान में कोरोना महामारी चल रही है.

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