कुमार इन्दर, जबलपुर। मध्य प्रदेश नर्सिंग एसोसिएशन के बैनर तले अपनी मांगोंं को लेकर नर्सों की संभावित हड़ताल के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है. याचिका में नर्सों की हड़ताल को अवैध बताया गया है. याचिका में कहा गया था कि नर्सों की हड़ताल से स्वास्थ सेवाएं प्रभावित होगी. याचिका पर इसी सप्ताह सुनवाई संभावित है. दरअसल संभावित हड़ताल के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच की ओर से दायर की गई है.
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प्रदेश में नर्सिंग एसोसिएशन का आंदोलन लगातार जारी है. नर्सों की मांगों को लेकर सरकार द्वारा अभी तक कोई कदम नहीं उठाने से नाराज नर्सेस एसोसिएशन आज हड़ताल की रणनीत तय करेगी. सरकार के तरफ से कोई संकेत न मिलने के कारण काम बंद हड़ताल पर जाने की तैयारी में हैं.
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9 मांगों को लेकर चल रहा है आंदोलन
हड़ताल के दौरान नर्स एसोसिएशन ने मेल नर्स नियुक्ति, समान वेतन, सेकेंड ग्रेड, पुरानी पेंशन प्रतिनियुक्ति स्थानांतरण, पद्दोन्ति, अस्थायी संविदा, कोरोना प्रोत्साहन राशि एवं ड्यूटी के दौरान कोरोना से मौत होने पर 55 लाख रुपये देने की मांग की है. साथ ही उन्होंने मांगे पूरी न होने पर पूरी तरह से काम बंद करने की चेतावनी दी है.
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पहले भी याचिका दायर हो चुकी है
बता दें कि नर्सिंग एसोसिएशन के खिलाफ इसके पहले भी तीन बार नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने याचिका दायर कर चुकी है. इसके पहले दायर याचिका में कहा गया था कि साल 2016 में नर्सों की हडताल के खिलाफ उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. जिसके बाद नर्सों ने अपनी हड़ताल वापस ली थी. याचिकाकर्ता ने इस स्वतंत्रता के याचिका वापस ली थी कि भविष्य में नर्सों हडताल करती है तो वह पुनः याचिका दायर कर सकेंगे. साल 2018 में नर्सों ने अपने मांगे की संबंध में हड़ताल की थी, जिसके खिलाफ उन्होंने याचिका दायर की थी. नर्सों ने हड़ताल वापस लेने पर पूर्व की स्वतंत्रता के साथ याचिका वापस ली थी.
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