शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश के विदिशा जिले के गंजबासौदा लाल पठार में हुए हादसे पर कांग्रेस ने शिवराज सरकार पर सवाल उठाए हैं. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने एक जांच कमेटी भी गठित कर दी है, जो घटना स्थल पर जाकर पूरे हादसे की सिलसिलेवार तरीके से जांच करेगी. साथ ही साथ ही पीड़ित परिवारों से मिलकर अपनी जांच रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस कमेटी सौंपेगी. जांच कमेटी में कांग्रेस के चार सदस्य शामिल हैं, जिसमें तीन पूर्व विधायक और एक कांग्रेस विदिशा कांग्रेस जिला अध्यक्ष शामिल हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने घटना को लेकर सीएम शिवराज सिंह पर सवाल भी उठाया है. कमलनाथ ने कहा कि घटना के बाद ग्रामीणों के कई बार सूचना देने के बाद भी पुलिस कंट्रोल और जिम्मेदार अधिकारियों ने फोन नहीं उठाया. उन्होंने कहा कि यदि उसी समय कुएं के आसपास मौजूद भीड़ को हटा दिया जाता तो इस घटना को रोका जा सकता था.
शिकायत के बाद भी जर्जर कुएं की नहीं हुई मरम्मत
कमलनाथ ने आरोप लगाया कि क्षेत्र में पानी के संकट के कारण लोग इसी जर्जर कुएं से पानी लेने को मजबूर थे. इसकी जगत काफी क्षति ग्रस्त व जर्जर हो चुकी थी. इसकी मरम्मत की मांग भी कई बार उठी, लेकिन जिम्मेदार लोगों ने इस पर ध्यान नहीं दिया. जानकारी के मुताबिक 2008 में सरकारी कुआं बनाया गया था. इसके रखरखाव की जिम्मेदारी पीएचई विभाग के पास थी. कुएं का निर्माण पत्थरों से किया गया था. कुआं 13 साल पुराना होने के कारण जर्जर हुआ. जिसकी ग्रामीणों ने कई बार शिकायत की थी, लेकिन तब भी प्रशासन ने इस पर ध्यान नहीं दिया.
रेस्क्यू पर कांग्रेस ने खड़े किए सवाल
कमलनाथ ने रेस्क्यू पर भी सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने ने कहा कि प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी उस समय कहीं और व्यस्त थे. घटना स्थल पर जिम्मेदार प्रशासन के आला अधिकारी काफी देर बाद पहुंचे. एसडीआरएफ की टीम भी रात 10 बजे के आसपास मौके पर पहुंची. जिसके कारण राहत कार्य कापी देर बाद शुरु हुआ, तब तक स्थानीय लोगों ने खुद अपने स्तर पर बचाव कार्य करते रहे. उन्होंने कहा कि यह बेहद गंभीर मामला है कि प्रशासन के आला अधिकारी कहीं और व्यस्त रहे और राहत कार्य देरी से शुरु होने के कारण कई लोगों को बचाया नहीं जा सका. अभी भी कुछ शव मिल चुके हैं और कई अभी भी लापता हैं.
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CM शिवराज से पीड़ितों के लिए ये मांग
कमलनाथ ने सीएम शिवराज सिंह चौहान पर सवाल उठाते कहा कि बड़ी बड़ी आश्चर्यजनक बात है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री खुद घटनास्थल से काफ़ी करीब होने के बावजूद न रात में घटनास्थल पर पहुंचे और न अभी तक पहुंचे. उन्होंने शिवराज सरकार से मांग की हैं सभी मृतक के परिवार को 15 लाख रुपए की सहायता राशि, सभी घायल को 2 लाख रुपए की सहायता राशि और मृतक के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए. साथ ही सभी घायलों का सरकारी खर्च पर समुचित इलाज करवाया जाए.
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जांच दल का गठन
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस घटना की जांच को लेकर कांग्रेस की एक जांच टीम बनाई है. जो मौके पर जाकर पूरी जांच कर अपनी रिपोर्ट मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी को सौंपेगी. जांच दल में विदिशा कांग्रेस के जिला अध्यक्ष, पूर्व विधायक शशांक भार्गव, निशंक जैन, शैलेंद्र पटेल को शामिल किया गया है.
ऐसे हुआ हादसा
बताया जा रहा है कि एक बच्ची शाम 6 बजे के आस-पास कुएं से पानी भर रही थी. जिस कुएं से पानी भर रही थी उसकी गोलाई काफी बड़ी थी. उसके ऊपर जाली लगाई गई थी और एक छोटा हिस्सा पानी निकालने के लिए छोड़ा गया था. पानी भरने के दौरान बच्ची कुएं के अंदर गिर गई. बच्ची को गिरते देख चीख पुकार मच गई. बच्ची को बचाने के लिए बड़ी संख्या में लोग कुएं के ऊपर लगी जाली में खड़े हो गए. उसी दौरान जाली भी भसक गई और ऊपर खड़े तकरीबन 40 लोग उसके अंदर गिर गए. हादसे की जानकारी प्रशासन को दी गई.
देर रात 9 बजे रेस्क्यू ऑपरेशन शुरु किया गया. रात से शुरु हुए राहत बचाव कार्य के दौरान 15 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वहीं रेस्क्यू के दौरान 4 लोगों के शव बाहर निकाले गए. जबकि 11 लोग अभी भी लापता हैं. जिन्हें निकालने के लिए दूसरे दिन भी लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है.
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