यश खरे, कटनी। मध्य प्रदेश के कटनी जिले की नई बस्ती इन दिनों आग के गोले में पल रही है. लोग डर के साये में जीने को मजबूर हैं. यहां के प्रशासन को बड़े हादसे का इंतजार है. बार-बार शिकायत के बाद भी प्रशासन चैन की नींद सोया हुआ है. प्रशासन का यह कहना है कि अभीतक कोई शिकायत नहीं मिली है. शिकायतकर्ता हो तो बताइए जांच करेंगे. इतनी जल्दी क्या है खबर लगाने की.
दरअसल शहर के नई बस्ती में रिहायशी इलाके के बीच पुरषोत्तम गैस का गोदाम संचालित किया जा रहा है. जो नियमों के खिलाफ है. यहां गोदाम के अंदर बड़ी मात्रा में गैस सिलेंडरों का स्टोर रहता है. जिसके कारण कभी भी हादसा हो सकता है. बावजूद इसके प्रशासनिक अधिकारी बेखबर हैं. वे गोदाम को हटवाने की ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं.
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जानकारी के मुताबिक गैस गोदाम पर ट्रकों से हर दिन सैकड़ों सिलेंडर आते और जाते हैं. इन सिलेंडरों को गोदाम में स्टोर भी किया जा रहा है. गोदाम में लगभग रोज 500 के ऊपर गैस सिलेंडर रहते हैं. इसके अलावा पूरे दिन ग्राहकों का आना-जाना लगा रहता है, इसलिए गैस गोदाम नियमानुसार शहर के बाहर संचालित किया जाना चाहिए, लेकिन एचपी गैस एजेंसी का गोदाम कोतवाली थाना के नई बस्ती इलाके में संचालित किया जा रहा है.
बता दें कि यह गोदाम कई वर्षों से संचालित हो रहा है, लेकिन शिकायत के बाद भी अधिकारी खानापूर्ति करके चले जाते हैं. उसके बाद गोदाम फिर से संचालित होने लगता है. गोदाम में किसी भी प्रकार की सुरक्षा की दृष्टि से अग्निशमन यंत्र नहीं लगाया गया है.
लापरवाह अफसर की जुबानी
अब ऐसे में सवाल खड़े होते हैं कि यदि कोई हादसा होता है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? इतने सालों से बेफिक्र होकर यह गोदाम लगातार संचालित हो रहा है. अधिकारी आंखों पर पट्टी बांधकर यहां से निकल जाते हैं. हालांकि तहसीलदार संदीप श्रीवास्तव का कहना है कि कोई शिकायत हमारे पास आई नहीं है, शिकायतकर्ता हो तो बताइए जांच करेंगे. इतनी जल्दी क्या है खबर लगाने की.
सुरक्षा के मानक
गौरतलब है कि गैस एंजेसी संचालित करने के लिए गैस गोदाम के आसपास खुली जगह होना चाहिए. गोदाम को हवादार बनाने के साथ ही पर्याप्त खिड़कियां होनी चाहिए. इसके अलावा अग्नि सुरक्षा के पर्याप्त उपाय होने जरुरी है. आगजनी की स्थिति में सुरक्षा उपकरण को कुशलतापूर्वक संचालित करने वाले कारीगर भी होने चाहिए. रिहायशी इलाके से बाहर गोदाम का संचालन होना चाहिए.
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