शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश के विदिशा जिले के गंजबासौदा लाल पठार में हुए हादसे में एक और शव बरामद किया गया है. शव को एंबुलेंस लेकर अस्पताल के लिए रवाना हो गई है. अब तक घटना में 6 शव बरामद किए जा चुके हैं. राहत बचाव कार्य अभी जारी है. हादसे में करीब 15 लोगों को बचा लिया गया है. अभी आधा दर्जन लोग लापता हैं. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम का रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है.

3 पुलिस जवानों का रेस्क्यू

ग्रामीणों ने हादसे का आंखों देखा हाल बताते हुए कहा कि बच्चे के कुएं में गिरने के बाद उसे बचाने पहुंचे थे. जहां 40 लोग एक कुएं में गिर गए हैं. जिसके बाद बचाव कार्य में लगे 4 होमगार्ड के जवान ट्रैक्टर सहित कुएं में गिर गए थे. अबतक 3 पुलिस के जवानों को निकाल लिया गया है. जिनमें से एएसआई लक्ष्मी नारायण विश्वकर्मा और आरक्षक रमेश वर्मा को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया. हालांकि पुलिस का 1 और जवान अभी फंसा हुआ है. जिसे निकालने के लिए राहत बचाव कार्य जारी है.

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गीली मिट्टी होने कारण रेस्क्यू में समस्या

जानकारी के मुताबिक गीली मिट्टी होने के कारण मिट्टी धंस रही है, जिसके कारण रेस्क्यू में समस्या आ रही है. वहीं जिला प्रशासन ने 11 गुमशुदा के नाम जारी किए हैं. चार लोग विदिशा जिला अस्पताल में भर्ती हैं, जिसमें से 2 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं. बाकी घायल गंजबासौदा मे भर्ती हैं. जिनकी संख्या करीब एक दर्जन तक बताई जा रही है. घटना में अबतक 5 लोगों की मौत हो गई है.

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ड्रोन से रखी जा रही निगरानी

पूरी घटना का सर्वे ड्रोन से किया जा रहा है. एडीजी ए. साई मनोहर की निगरानी में ये सर्वे भोपाल कंट्रोल रूम भेजा रहा है. डिजास्टर मैनेजमेंट के वरिष्ठ अधिकारियों को भी इसकी तस्वीरें भेजी जा रही हैं. सीएम शिवराज कंट्रोल रूम से पूरे हादसे की जानकारी ले रहे हैं. घटना को लेकर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी चिंता जताई है.

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जर्जर कुएं की नहीं हुई मरम्मत

कमलनाथ ने आरोप लगाया कि क्षेत्र में पानी के संकट के कारण लोग इसी जर्जर कुएं से पानी लेने को मजबूर थे. इसकी जगत काफी क्षति ग्रस्त व जर्जर हो चुकी थी. इसकी मरम्मत की मांग भी कई बार उठी, लेकिन जिम्मेदार लोगों ने इस पर ध्यान नहीं दिया. जानकारी के मुताबिक 2008 में सरकारी कुआं बनाया गया था. इसके रखरखाव की जिम्मेदारी पीएचई विभाग के पास थी. कुएं का निर्माण पत्थरों से किया गया था. कुआं 13 साल पुराना होने के कारण जर्जर हुआ. जिसकी ग्रामीणों ने कई बार शिकायत की थी, लेकिन तब भी प्रशासन ने इस पर ध्यान नहीं दिया. पीने के पानी के लिए यह ग्रामीण इसी कुएं के भरोसे पर थे. अन्यथा पानी के लिए 1 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है.

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रेस्क्यू पर कांग्रेस ने खड़े किए सवाल

कमलनाथ ने रेस्क्यू पर भी सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने ने कहा कि प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी उस समय कहीं और व्यस्त थे. घटना स्थल पर जिम्मेदार प्रशासन के आला अधिकारी काफी देर बाद पहुंचे. एसडीआरएफ की टीम भी रात 10 बजे के आसपास मौके पर पहुंची. जिसके कारण राहत कार्य कापी देर बाद शुरु हुआ, तब तक स्थानीय लोगों ने खुद अपने स्तर पर बचाव कार्य करते रहे. उन्होंने कहा कि यह बेहद गंभीर मामला है कि प्रशासन के आला अधिकारी कहीं और व्यस्त रहे और राहत कार्य देरी से शुरु होने के कारण कई लोगों को बचाया नहीं जा सका. अभी भी कुछ शव मिल चुके हैं और कई अभी भी लापता हैं.

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टीआई ने नहीं उठाया फोन: पूर्व कांग्रेस विधायक

बता दें कि हादसे के बाद ग्रामीणों ने खुद ही राहत बचाव शुरु कर दिया था. ग्रामीणों का आरोप है कि यदि समय से राहत बचाव की टीम पहुंच जाती तो इतने लोंगो की मौत न होती. गंजबासौदा से पूर्व विधायक निशंक जैन ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि गंजबासौदा टीआई को हादसे के वक्त फोन लगाया था. लेकिन, उन्होंने उठाया नहीं. हादसे के तुरंत बाद अगर रेस्क्यू शुरू हो जाता तो कई लोगों की जान बच जाती. वहीं यह भी जानकारी सामने आई है कि राहत एवं बचाव की टीम करीब 3 घंटे देरी से पहुंची.

शव न दिखाए जाने से नाराज ग्रामीण

बता दें कि शव के निकालने पर ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा. लोगों ने एम्बुलेंस को रोकने की कोशिश की. महिलाएं शवों को दिखाने की मांग कर रही हैं. हादसे के रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर लोग काफी नाराज हैं. लोग चाहते हैं कि शवों को देखने की इजाजत दी जाए. हालांकि प्रशासन ने 2 किलोमीटर के पहले ही बैरिकेट लगाकार सभी को रोक दिया है. पुलिस को डर है कि हादसे से गुस्सएं लोग कुछ भी कर सकते हैं.

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ऐसे हुआ पूरा हादसा

दरअसल पूरी घटना तब हुई जब एक 12 साल की बच्ची कुएं पर पानी भरने के लिए गया. जहां पानी भरने के दौरान बच्चा कुएं में गिर गया. जिसे बचाने के लिए कुछ लोग कुएं में उतरे. इस दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण कुएं पर लगी जाली पर चढ़ गए. भार ज्यादा होने के कारण कुएं की जाली टूट गई. जिससे कुएं में करीब 40 लोग गिर गए. जिसके बाद सूचना मिलने पर राहत एवं बचाव कार्य के लिए स्थानीय प्रशासन की टीम पहुंच गई. जिसके बाद एक फिर हादसे पर हादसा हो गया. जहां रेस्क्यू में लगा ट्रैक्टर के साथ मिट्टी धंसने फिर करीब 10 लोग अंदर गिर गए.

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