राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्य प्रदेश में चौथे चरण की आठ लोकसभा सीटें अपने पक्ष में करने के लिए बीजेपी-कांग्रेस एढ़ी-चोटी का जोर लगाए हुए है। दोनों दलों की अपनी-अपनी तैयारी है। लेकिन यहां हर लोकसभा के जीत-हार के अलग-अलग जमीनी समीकरण हैं।  प्रत्याशी जीतेगा तो क्यों ? हारेगा तो क्यों ? इस जीत-हार के लिए बाधाएं और सुगम रास्ते क्या-क्या हैं। इसी को आधार बनाकर मालवा-निमाड़ की देवास, उज्जैन, मंदसौर, रतलाम, धार, इंदौर, खरगौन और खण्डवा लोकसभा सीट की लल्लूराम डॉट कॉम ने खास रिपोर्ट तैयार की है। 

देवास लोकसभा सीट 

बीजेपी-  प्रत्याशी महेंद्र सिंह सोलंकी

मजबूत पक्ष 

1. बलाई समाज से आते हैं, क्षेत्र में समाज का वोट बैंक अधिक.
2. 4 लाख 30 हजार से जीते थे पिछला चुनाव.
3 न्यायाधीश के पद पर के चलते हर फील्ड की है बारीक जानकारी होने का मिलेगा लाभ.

कमजोर कड़ी 

1 चुनाव में दूसरी बार मौका मिला है, एंटी इंकम्बेंसी फैक्टर का खतरा.
2 देवास को कोई बड़ी सौगात नहीं दिला पाए.
3 ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार बड़ा संकट.

कांग्रेस- प्रत्याशी राजेंद्र मालवीय

मजबूत पक्ष 

1. पिता राधाकिशन मालवीय का क्षेत्र में अच्छा नेटवर्क रहा है, ये भी बलाई समाज से आते हैं.
2 कांग्रेस का नया चेहरा.
3. जीतू पटवारी के प्रदेशाध्यक्ष बनने से खाती समाज भी कर सकता है मदद.

कमजोर कड़ी 

1 चुनावी मैनेजमेंट में कमजोर.
2 कांग्रेस का परंपरागत वोट बैंक कम.
3 विधानसभा चुनाव में क्षेत्र से कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली.

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उज्जैन लोकसभा सीट 

बीजेपी- प्रत्याशी अनिल फिरोजिया

मजबूत पक्ष 

1 मुख्यमंत्री की लोकसभा का मिलेगा लाभ.
2 2019 में तीन लाख 65 से जीते थे चुनाव.
3 कार्यकर्ताओं के दम पर लड़ रहे चुनाव.

कमजोर कड़ी 

1 केंद्र सरकार ने काम किए लेकिन सांसद के खाते से नहीं हुए विशेष काम.
2 विधानसभा चुनाव में कम सक्रिय रहने का अब हो सकता है घाटा.
3 सभी गुटों का नहीं मिल रहा सहयोग

कांग्रेस- प्रत्याशी महेश परमार

मजबूत पक्ष 

1 विधायक रहते हुए दिखाया परर्फामेंस.
2. सरल और जमीन पर रहने वाले नेता.
3. कांग्रेस मिलकर लड़ रही है चुनाव.

कमजोर कड़ी 

1 यहां कांग्रेस 12 में से सिर्फ पांच बार जीती है
2 आठ में से सिर्फ दो विधानसभाओं पर है कांग्रेस 
3. बीजेपी संगठन बड़ी चुनौती

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मंदसौर लोकसभा सीट 

बीजेपी- प्रत्याशी सुधीर गुप्ता

मजबूत पक्ष 

1. 2019 में बीजेपी को मिली तीन लाख 76 हजार की लीड 
2. समस्याओं का निराकरण करवाने वाले नेता की छवि
3. मजबूत बीजेपी संगठन

कमजोर कड़ी 

1. टिकट की दौड़ में शामिल नेताओं का नहीं मिल रहा पूरा सहयोग
2. जनता के बीच सक्रिय नहीं रहने का होगा घाटा
3. गुर्जर वोट बैंक को साध पाना चुनौती

कांग्रेस- प्रत्याशी दिलीप सिंह

मजबूत पक्ष 

1. गुर्जर वोट बैंक का मिलेगा लाभ.
2. कांग्रेस एकजुटता के साथ लड़ रही है चुनाव.
3. पार्टी के सभी नेताओं को साधकर चल रहे हैं दिलीप सिंह.

कमजोर कड़ी 

1. बीजेपी बनाए हुए है बाहरी प्रत्याशी होने का मुद्दा
2. बीजेपी संगठन से लड़ना सबसे बड़ी चुनौती
3. बाहरी होने से जमीनी पकड़ कमजोर

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रतलाम-झाबुआ लोकसभा सीट 

बीजेपी- प्रत्याशी अनीता नागर सिंह चौहान

मजबूत पक्ष 

1. पति नागर सिंह चौहान के मंत्री पद का मिलेगा लाभ.
2. बीजेपी एकजुटता के साथ लड़ रही है चुनाव.
3. महिला प्रत्याशी होने का मिलेगा लाभ.

कमजोर कड़ी 

1. जनसंघ से लेकर बीजेपी के लिए चुनौती रही है यह लोकसभा.
2. कांग्रेस प्रत्याशी मजबूत होने से मिल रही है चुनौती.
3. आदिवासी वर्ग को साध पाना बड़ी चुनौती.

कांग्रेस- प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया

मजबूत पक्ष 

1.17 लोकसभा चुनाव में 12 बार भूरिया की उपचुनाव में हुई है जीत
2 क्षेत्र के सबसे कद्दावर आदिवासी नेता
3 क्षेत्र में कांग्रेस का ही दूसरा नाम है कांतिलाल भूरिया

कमजोर कड़ी 

1. एक लाख वोट से हारे थे पिछला लोकसभा चुनाव.
2. पहले की तरह सक्रिय नहीं रह पाना बना चुनौती.
3. कांग्रेस नहीं खुद के दम पर भूरिया लड़ रहे हैं चुनाव.

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धार लोकसभा सीट 

बीजेपी- प्रत्याशी सावित्री ठाकुर

मजबूत पक्ष 

1. जोर से गूंजा हुआ है भोजशाला सर्वे का मुद्दा.
2. पीएम मोदी के चेहरे पर हो रहा है चुनाव.
3. मजबूत बीजेपी संगठन का मिलेगा लाभ.

कमजोर कड़ी 

1. नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के प्रभाव वाला क्षेत्र.
2. आदिवासी वर्ग के बीच पकड़ कमजोर.
3. वर्तमान सांसद का टिकट कटने से हो सकता है भिरतघात.

कांग्रेस- प्रत्याशी राधेश्याम मुवेल

मजबूत पक्ष 

1. आदिवासियों के बीच मजबूत पैठ.
2 नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के चेहरे का मिलेगा लाभ.
3. जमीनी नेता की छवि.

कमजोर कड़ी 

1. पहली बार लड़ रहे हैं बड़ा चुनाव.
2. बीजेपी का मजबूत संगठन सबसे बड़ी चुनौती.
3. 2019 में बीजेपी को मिली लीड भी है चुनौती.

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इंदौर लोकसभा सीट 

बीजेपी- प्रत्याशी शंकर लालवानी

मजबूत पक्ष 

1. मध्य प्रदेश की सबसे सुरक्षित लोकसभा सीट.
2. कांग्रेस प्रत्याशी के बीजेपी ज्वाइन करने से एकतरफा हुआ चुनाव.
3. सामाजिक संगठनों में मजबूत पकड़ के साथ जमीनी नेता की छवि.

कमजोर कड़ी 

1. ताई गुट के हैं शंकर ललवानी, भाई पक्ष का अंदरूनी तौर पर नहीं मिलेगा सपोर्ट.
2. कांग्रेस प्रत्याशी के मैदान छोड़ने से जनता के बीच गया है दवाब बनाने का मैसेज.
3. कांग्रेस प्रत्याशी मैदान में नहीं होने से मतदान प्रतिशत बढ़ाना सबसे बड़ी चुनौती.

खंडवा लोकसभा सीट 

बीजेपी- प्रत्याशी ज्ञानेश्वर पाटिल

मजबूत पक्ष 

1. पीएम मोदी के चेहरे पर हो रहा है चुनाव.
2. किसी गुट का चेहरा नहीं होने का मिलेगा लाभ.
3. जमीनी जमावट वाले नेता की छवि.

कमजोर कड़ी 

1. बतौर सांसद क्षेत्र को नहीं दे पास कोई बढ़ी सौगात.
2. पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव के प्रभाव वाला क्षेत्र होने से मिलेगी चुनौती.
3. टिकट नहीं मिलने से नाराज हुए नेताओं का नहीं मिल रहा अंदरूनी सपोर्ट. 

खरगौन लोकसभा सीट 

बीजेपी- प्रत्याशी गजेंद्र पटेल

मजबूत पक्ष 

1. पीएम मोदी की हो चुकी है सभा.
2. बीजेपी के मजबूत संगठन का मिलेगा लाभ.
3. पिछले चुनाव में दो लाख से अधिक है जीत की लीड.

कमजोर कड़ी 

1. सांसद रहते हुए नहीं रही सक्रियता.
2. सांसद निधि से नहीं कर पास कोई बड़े काम.
3. नहीं साध पा रहे हैं सभी गुटों को.

कांग्रेस- प्रत्याशी पोरलाल खरतेमजबूत पक्ष 

मजबूत पक्ष 

1. राहुल गांधी की हो चुकी है सभा
2. जयस संगठन का समर्थन मिलने से मिली मजबूती
3. लोकसभा की आठ में से पांच विधानसभा सीट पर कांग्रेस का कब्जा

कमजोर कड़ी 

1. बीजेपी की पिछली लीड ही सबसे बड़ी चुनौती.
2. बीजेपी के पक्ष में बुना हुआ है माहौल.
3. मोदी माहौल की नहीं ढूंढ पाए काट.

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