हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में कोर्ट के फर्जी आदेश से आईएएस अवार्ड हासिल करने वाले संतोष वर्मा की देखभाल अब पुलिस के लिए सिरदर्दी बन गई है. संतोष वर्मा की कुशलक्षेम पूछने के लिए लगातार एमजी रोड थाना प्रभारी के पास कई वीआईपी लोगों के फोन कॉल आ रहे हैं. जिससे परेशान थाना प्रभारी ने खाने से लेकर नहाने तक की सारी जानकारी रोजनामचे में डालना शुरु कर दी है.

फर्जी कोर्ट का आदेश बनाकर आईएएस अवॉर्ड हासिल करने वाले संतोष वर्मा की खातिरदारी करने के लिए एमजी रोड थाना प्रभारी के पास कई वीआईपी लोगों के फोन आ रहे हैं. वर्मा के रिश्तेदार कई वरिष्ठ पदों पर हैं. जिसके कारण थाना प्रभारी टीवीएस नागर काफी परेशान हैं. टीवीएस नागर के पास जब भी कोई फोन कॉल आता है तो, उसमें वर्मा ने कुछ खाया या नहीं इसको लेकर जानकारी ली जाती है.

थाना प्रभारी टीवीएस नागर का कहना है कि देखभाल करने की भी हिदायत दी जाती हैं. इससे परेशान होकर उन्होंने थाने की रोजनामचा रिपोर्ट में संतोष वर्मा के खाने से लेकर नहाने तक की जानकारी डालना शुरू कर दी. जिससे किसी भी वीआईपी का या रिश्तेदार का कोई फोन आता है तो थाने पर मौजूद अधिकारी रोजनामचा देखकर परिजनों को बता देता है.

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रिमांड पर है अफसर

बता दें कि कोर्ट के फर्जी दस्तावेज तैयार कर पदोन्नति लेने वाले मामले में गिरफ्तार आईएएस (IAS) संतोष वर्मा को रविवार को न्यायालय में पेश किया गया. जहां मामले में पूछताछ के बाद कोर्ट से पुलिस ने संतोष वर्मा को दो दिनों के रिमांड पर लिया था. जिसके बाद फिर पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश किया और फिर तीन दिन की रिमांड पर लिया है.

पीड़िता के बयान दर्ज

संतोष वर्मा के मामले में एक पीड़िता के हुए बयान में पीड़िता ने कहा, संतोष वर्मा उसे जेल भेजवा न चाहता था. वर्मा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने वाली पीड़िता महिला ने गुरुवार को जांच अधिकारी सीएसपीएस मोटवानी को महिला एसआई की मौजूदगी में अपने बयान दर्ज कराए. जिसमें उसने वर्मा से शादी करने की बात बताई और वर्मा लगातार उस पर संपत्ति हड़पने का आरोप लगा रहा था.  पीड़िता ने बताया कि उस पर एक झूठा प्रकरण भी वर्मा ने दर्ज कराया है और महिला को जेल भेजने की तैयारी वर्मा कर रहा था. महिला ने बताया कि उसने हर प्लेटफार्म पर अपने सबूत पेश किए, जिसके कारण हर बार बार निर्दोष साबित हुई.

यह है मामला

संतोष वर्मा के खिलाफ साल 2016 में एक महिला की शिकायत पर इंदौर के लसुड़िया थाने में शादी का झांसा देकर ज्यादती करने का मामला दर्ज किया गया था. चूंकि संतोष वर्मा को राज्य प्रशासनिक सेवा से भारतीय प्रशानिक सेवा यानी आईएएस (IAS) के पद पर पदोन्नत किया जा रहा था. तब लोक सेवा आयोग ने इनके खिलाफ दर्ज अपराधिक प्रकरण और कोर्ट में लंबित मामलों की जानकारी मांगी थी. लेकिन संतोष वर्मा ने बरी होने का कोर्ट का झूठा आदेश पेश कर आईएएस (IAS) पद पर पदोन्नती ले ली.

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