रामेश्वर मरकाम, धमतरी. देश में किन्नरों को भी समाज के अन्य सदस्यों की तरह अधिकार मिले हुए हैं लेकिन आज भी किन्नरों को समाज में हेय नजरों से देखा जाता है. अब छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य बनने जा रहा है जहां किन्नरों को पुलिस विभाग नौकरी देने जा रहा है.

उच्च न्यायालय द्वारा 2014 मेंथर्ड जेंडर के अधिकारो की सुरक्षा संबधी दिशा निर्देश को लेकर गुरूवार को धमतरी के एसपी कार्यालय मे थर्ड जेंडर के अधिकारो को लेकर कार्यशाला हुई. कार्यशाला में बताया गया कि कोई भी किन्नर चाहे वे आरोपी हो या फिर प्रार्थी उनके साथ भेदभाव ना किया जाये. धारा 377 विशिष्ट रूप से लैंगिक उत्पीड़न के साथ जुडी हुई धारा है. जिसका दुरूपयोग किन्नरों को प्रताड़ित करने के लिए किया जाता है. इस धारा का दुरुपयोग किसी भी कीमत पर नहीं होना चाहिए.कार्यशाला में इस बात पर भी चर्चा की गई कि किन्नरों के लिए किसी भी स्तर पर अशोभनीय शब्दो का प्रयोग नहीं होना चाहिए.

कार्यशाला में ऐसी तमाम समस्याओं और किन्नरों के अधिकारो को लेकर चर्चा की गई. जिसमें पुलिस प्रशासन के तमाम अफसर और समाज कल्याण सहित अन्य विभाग के उच्च अधिकारियो के साथ थर्ड जेंडर के सदस्य मौजूद रहे. कार्यशाला में छत्तीसगढ़ तृतीय लिंग कल्याण बोर्ड की सदस्य विद्या राजपूत का कहना है कि राज्य सरकार किन्नरों की पुलिस विभाग मे भर्ती कर बहुत ही अच्छी पहल करने जा रही है. जिससे किन्नरों को समाज में सम्मान से जीने का मौका मिलेगा. धमतरी समाज कल्याण विभाग की उपसंचालक एमएल पाल ने किन्नरों के विचारो में परिर्वतन लाने और उनको शासन की ओर से मिलने वाली सुविधा दिलाने की बात कही. वहीं धमतरी के एसपी केपी चंदेल ने बताया कि पुलिस विभाग की और से आयोजित इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य किन्नरों से बात कर उनकी समस्याओं का समाधान करना और उन्हें समाज की मुख्यधारा में जोड़ने के लिए प्रेरित करना है.