आज़ाद सक्सेना. दंतेवाड़ा. दंतेवाड़ा के आदिवासियों की अनोखी परंपरा है. जिसको देख आप भी हैरान हो जाएंगे. यह अच्छी बारिश कराने सेकड़ो गांव के ग्रामीण जंगल में इकट्ठा होकर भीमसेन पत्थर को हिलाते है. ग्रामीणों का मानना है कि ऐसा करने से देवता प्रसन्न होकर अच्छी बारिश करेंगे जिससे किसानों को अच्छी फसल मिलेगी यह अनोखी परंपरा हजारों वर्षों से चली आ रही है.
बारिश की दगा-बाजी से परेशान किसान अब अपनी आस्था वाले उदेला पहाड़ पर पहुंच भीमसेन को मनाया. भीमसेन को मनने कुआकोंडा ब्लाक के 84 गांव सहित कटेकल्याण ब्लाक के बड़ेगुडरा, मोखपाल के चालकी पुजारी दंतेवाडा ब्लाक के मोलसनार, गंजेनार, उदेला के लोग आज ढोल बाजे के साथ उदेला पहाड़ पर पहुंच भीमसेन पत्थर को हिलाया और बलि दे बारिश की कामना की.
भीमसेन को मनने आदिवासी कुआकोंडा क्षेत्र की दो अर्ध्य देवी माता गगनादेई जिनका नादिर मैलेवाड़ा में स्थित है. दूसरी माता लच्छनदेई जिनकी पूजा कुआकोंडा की पुजारीपारा में होती है. गढ़पदर के कोंडराज बाबा को लेकर सैकड़ो ग्रामीण आज दिन भर बारिश के लिए पूजापाठ करते रहे.
क्या महत्व है भीमसेन का, देखें Video
भीमसेन के नाम पड़ ग्रामीण उदेला के पहाड़ पर एक सात फिट के पत्थर की पूजा करते है. क्षेत्र में जब भी बारिश नहीं होती है तब ग्रामीण इस पत्थर को जा कर हिलाते हैं. खेत के कीचड़ से भीमसेन को नहलाया जाता है. 50 साल से अधिक समय से ग्रामीण बारिश नहीं होने पर उदेला पहुंच इसी भीमेसन पत्थर को पूजते हैं.
कुआकोंडा क्षेत्र के 84 गांव के मांझी लक्ष्मीनाथ ने बताया भीमसेन को हिलाने से बारिश होती है. ये लोगों की आस्था है भीमसेन पर. पचास-पचास किलोमीटर बुरगुम, पोटाली, नहाड़ी से लोग आज भीमसेन को मनने पहुंचे हुए है.
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