कुमार इंदर, जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर से सिहोरा रेलवे स्‍टेशन के बीच आज गोंडवाना एक्सप्रेस हादसे का शिकार होने से बच गई। दरअसल यहां जैसे ही टूटी हुई पटरी पर एक युवक की नजर पड़ी। उस समय गोंडवाना एक्‍सप्रेस तेज रफ्तार से आ रही थी। तभी युवक ने अपनी गुलाबी टी शर्ट उतारी और ट्रेन रोकने का इशारा कर पटरी की तरफ उंगली दिखाने लगा। लोको पायलट को तुरंत खतरे का आभास हुआ और उसने ट्रेन धीमी कर दी। तब तक ट्रेन पटरी से निकल चुकी थी, लेकिन बड़ा हादसा होने से बच गया।

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संकट मोचक बने वासुदेव

ट्रेन नंबर 02181 जबलपुर हजरत निजामुद्दीन गोंडवाना एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय पर चल रही थी। तभी उरई स्टेशन के आगे अचानक ट्रेन की पटरी टूट गई। बताया जाता है कि रेलवे ट्रैक के किनारे से गुजर रहे एक राहगीर वासुदेव की नजर अचानक टूटी पटरी पर पड़ी। उसने आनन-फानन अपनी गुलाबी टी-शर्ट से ट्रेन को रोकने की कोशिश की। युवक का इशारा देख गोंडवाना एक्सप्रेस लोको पायलट को स्थिति समझ में आ गई और उसने बड़े ही समझदारी से ट्रेन की गति को धीमा करते हुए ट्रेन को रोकने की कोशिश की, लेकिन जब तक ट्रेन रुकती तब तक उस ट्रेक से 10 बोगियां निकल चुकी थीं। यह तो गनीमत रही कि ट्रेन की रफ्तार में कुछ दूर पहले से ही कम हो गई थी जिसके कारण सही सलामत बोगियां पटरी से निकल गईं।

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सिहोरा स्टेशन पर ट्रेनों को रोका

इस हादसे की जानकारी जैसे ही कंट्रोल द्वारा सिहोरा, कटनी, मैहर और सतना स्टेशन को दी गई सभी अलर्ट हो गए और इन स्टेशनों से जबलपुर पहुंचने वाली ट्रेनों को रोक दिया गया। जिसके चलते ट्रैक पर जहां-तहां ट्रेनें खड़ी हो गईं। बताया जा रहा है कि इस घटना के कारण सुबह 7:30 पर जबलपुर पहुंचने वाली गोंडवाना एक्सप्रेस एक घंटे देरी से चलकर जबलपुर पहुंची तो, वहीं सुबह 7:25 पर जबलपुर पहुंचने वाली संघमित्रा व 7:55 बजे जबलपुर आने वाली महाकौशल एक्सप्रेस देर से 2 घंटे देरी से चलकर मुख्य स्टेशन पर पहुंच पहुंच पाई।

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एक घंटे में कर दिया गया सुधार कार्य

मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राहुल जयपुरीयार ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही सिहोरा रेलवे के कर्मचारी तत्काल मौके पर पहुंचे और पटरियों की मरम्मत कार्य शुरू किया। जो एक घंटे में पूरा हो गया। इसके बाद अच्छे तरीके से जांच की गई और फिर अधिकारियों के संतुष्ट होने पर इस ट्रैक पर ट्रेनों की आवाजाही शुरू की गई।

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