मेगा पीटीएम ने दिल्ली के शिक्षा सुधारों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. मेगा पीटीएम पर स्टेट काउंसिल फॉर एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एससीईआरटी) दिल्ली के कुछ असिस्टेंट प्रोफेसर द्वारा सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट के दिल्ली सरकार के स्कूलों में एक रिसर्च किया गया.
मेगा पीटीएम के सन्दर्भ में प्रकाशित इस रिसर्च का मूल उद्देश्य पेरेंट्स व टीचर्स में मेगा पीटीएम के प्रति जागरूकता की जांच करना, मेगा पीटीएम को लेकर उनकी धारणा को समझना, पेरेंट्स व टीचर्स की मेगा पीटीएम को लेकर जो धारणा है, उसमें अंतर स्थापित करना और मेगा पीटीएम के बेहतर कार्यान्वयन के तरीकों को समझना था. इस रिसर्च में ये पाया गया कि जनसंचार माध्यमों ने मेगा पीटीएम को लेकर पेरेंट्स को जागरूक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
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मेगा पीटीएम ने पेरेंट्स को अपने बच्चों की पढ़ाई के प्रति संवेदनशील बनाया है और स्कूलों में उनकी भागीदारी को बढ़ाया है. एससीईआरटी दिल्ली द्वारा किए गए इस रिसर्च में पाया गया कि लगभग 70% पेरेंट्स ने माना है कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में शिक्षा को लेकर वातावरण बदला है, स्कूल पहले के मुकाबले ज्यादा साफ़-सुथरे हैं, उनका अच्छे ढंग से रखरखाव किया जा रहा है. 71% पेरेंट्स व 61% टीचर्स ने पीटीएम के दौरान स्कूलों में बच्चों की नियमितता, स्कूल और घर में एकेडमिक एक्टिविटीज, लर्निंग लेवल पर बच्चों का इम्प्रूवमेंट, बच्चों के हेल्थ और हाइजीन, घर का माहौल और उसमें बच्चों के क्रियाकलापों के बारे में चर्चा की. ज्यादातर पेरेंट्स व टीचर्स ने माना कि मेगा पीटीएम से भविष्य में स्कूलों में बच्चों की नियमितता, उनका एकेडमिक परफॉर्मेंस बढ़ेगा. पेरेंट्स अपने बच्चों के हेल्थ व हाइजीन को लेकर और सजग होंगे और अपने बच्चों की पढ़ाई को लेकर और जागरूक होंगे.
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एक रिसर्च दिल्ली के स्कूलों में स्कूल प्रमुखों के प्रयास पर किया गया. पिछले कुछ समय में दिल्ली के स्कूलों में जबरदस्त सुधार देखा गया. इन सुधारों के पीछे हेड ऑफ स्कूल के अपने प्रयास भी रहे. स्कूल प्रमुखों ने अपने अनूठे प्रयासों से स्कूलों में बदलाव लाए. इस रिसर्च में ये देखा गया कि आखिर कौन से वे कारण रहे, जिससे ये स्कूल बदलाव की गाथा लिखने में सफल रहे.