नई दिल्ली। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि SCERT एजुकेशनल रिसर्च में अहम भूमिका निभा रही है. दिल्ली सरकार ने अपने स्कूलों में पैरेंटल इंगेजमेंट को बढ़ाने और सोसायटी को स्कूलों के साथ जोड़ने के लिए 2016 में मेगा पीटीएम की शुरुआत की. इसका उद्देश्य पेरेंट्स और टीचर्स के बीच कम्युनिकेशन गैप को खत्म करना, बातचीत के लिए मंच देना, पेरेंट्स को उनके बच्चों की पढ़ाई के प्रति जागरूक करना, सरकार द्वारा बच्चों की पढ़ाई की बेहतरी के लिए शुरू किए गए नए कार्यक्रमों के बारे में जानकारी देना और बच्चों के लर्निंग प्रोसेस में पेरेंट्स की भागीदारी सुनिश्चित करना था.
पीटीएम ने दिल्ली के शिक्षा सुधारों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई

मेगा पीटीएम ने दिल्ली के शिक्षा सुधारों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. मेगा पीटीएम पर स्टेट काउंसिल फॉर एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एससीईआरटी) दिल्ली के कुछ असिस्टेंट प्रोफेसर द्वारा सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट के दिल्ली सरकार के स्कूलों में एक रिसर्च किया गया.

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इस अवसर पर एससीईआरटी दिल्ली के निदेशक व उनकी टीम ने उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया को इस रिसर्च की कॉपी सौंपी. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि एससीईआरटी के स्वरूप में रिसर्च और ट्रेनिंग 2 महत्वपूर्ण चीजें हैं. पिछले कई सालों में एससीईआरटी की भूमिका ट्रेनिंग के क्षेत्र में ज्यादा रही है और रिसर्च के क्षेत्र में ज्यादा काम नहीं हो पाया है, पर अब एससीईआरटी दिल्ली रिसर्च के क्षेत्र में भी अपनी भूमिका निभाने के लिए बखूबी तैयार है.
SCERT के प्रयासों की सराहना
मनीष सिसोदिया ने रिसर्च के क्षेत्र में एससीईआरटी दिल्ली द्वारा उठाए गए इस कदम को लेकर एससीईआरटी दिल्ली के निदेशक और उनकी टीम की सराहना करते हुए कहा कि एससीईआरटी द्वारा किए जाने वाले ये रिसर्च एजुकेशनल प्रोग्राम और नीतियों में समय के साथ जरूरी बदलाव अपनाने में मददगार साबित होंगे.
मेगा पीटीएम ने पेरेंट्स को किया जागरूक

मेगा पीटीएम के सन्दर्भ में प्रकाशित इस रिसर्च का मूल उद्देश्य पेरेंट्स व टीचर्स में मेगा पीटीएम के प्रति जागरूकता की जांच करना, मेगा पीटीएम को लेकर उनकी धारणा को समझना, पेरेंट्स व टीचर्स की मेगा पीटीएम को लेकर जो धारणा है, उसमें अंतर स्थापित करना और मेगा पीटीएम के बेहतर कार्यान्वयन के तरीकों को समझना था. इस रिसर्च में ये पाया गया कि जनसंचार माध्यमों ने मेगा पीटीएम को लेकर पेरेंट्स को जागरूक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

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मेगा पीटीएम ने पेरेंट्स को अपने बच्चों की पढ़ाई के प्रति संवेदनशील बनाया है और स्कूलों में उनकी भागीदारी को बढ़ाया है. एससीईआरटी दिल्ली द्वारा किए गए इस रिसर्च में पाया गया कि लगभग 70% पेरेंट्स ने माना है कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में शिक्षा को लेकर वातावरण बदला है, स्कूल पहले के मुकाबले ज्यादा साफ़-सुथरे हैं, उनका अच्छे ढंग से रखरखाव किया जा रहा है. 71% पेरेंट्स व 61% टीचर्स ने पीटीएम के दौरान स्कूलों में बच्चों की नियमितता, स्कूल और घर में एकेडमिक एक्टिविटीज, लर्निंग लेवल पर बच्चों का इम्प्रूवमेंट, बच्चों के हेल्थ और हाइजीन, घर का माहौल और उसमें बच्चों के क्रियाकलापों के बारे में चर्चा की. ज्यादातर पेरेंट्स व टीचर्स ने माना कि मेगा पीटीएम से भविष्य में स्कूलों में बच्चों की नियमितता, उनका एकेडमिक परफॉर्मेंस बढ़ेगा. पेरेंट्स अपने बच्चों के हेल्थ व हाइजीन को लेकर और सजग होंगे और अपने बच्चों की पढ़ाई को लेकर और जागरूक होंगे.

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रिसर्च में पाया गया कि 40% पेरेंट्स बच्चों की असफलता को सीखने की प्रक्रिया का एक हिस्सा मानते हैं. 97% पेरेंट्स ने माना है कि बच्चों के प्रदर्शन, क्लास में उनकी सहभागिता, बच्चों के सोशल और मेंटल डेवलपमेंट आदि के विषय में बेहतर ढंग से काम करने के लिए मेगा पीटीएम का ज्यादा से ज्यादा आयोजन किया जाना चाहिए.

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एक रिसर्च दिल्ली के स्कूलों में स्कूल प्रमुखों के प्रयास पर किया गया. पिछले कुछ समय में दिल्ली के स्कूलों में जबरदस्त सुधार देखा गया. इन सुधारों के पीछे हेड ऑफ स्कूल के अपने प्रयास भी रहे. स्कूल प्रमुखों ने अपने अनूठे प्रयासों से स्कूलों में बदलाव लाए. इस रिसर्च में ये देखा गया कि आखिर कौन से वे कारण रहे, जिससे ये स्कूल बदलाव की गाथा लिखने में सफल रहे.