नई दिल्ली। दिल्ली के राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत ने “मुख्यमंत्री कोविड -19 परिवार आर्थिक सहायता योजना” की समीक्षा के लिए अधिकारियों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में डिविजनल कमिश्नर, जिला मजिस्ट्रेट- (मुख्यालय) और सभी जिलाधिकारियों (collector and district megistrate) ने भाग लिया.

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सर्वाइविंग मेंबर सर्टिफिकेट की नहीं होगी जरूरत

बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया कि इस योजना के तहत अब उन मामलों में आवेदक से सर्वाइविंग मेंबर सर्टिफिकेट (एसएमसी) प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं होगी, जहां पति या पत्नी में से कोई एक जीवित है. हालांकि, अन्य आवेदकों के लिए अनुग्रह राशि प्राप्त करने के लिए सर्वाइविंग मेंबर सर्टिफिकेट (एसएमसी) की आवश्यकता लागू रहेगी.

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ऐसे मामलों में जहां मृतक सिंगल पैरेंट था, वहां उत्तरजीवी बच्चे, सभी बच्चों के बीच समान रूप से वितरित अनुग्रह राशि के हकदार होंगे, लेकिन इसके लिए आवेदक का नाम सर्वाइविंग मेंबर सर्टिफिकेट में होना चाहिए. इसी तरह यदि मृतक अविवाहित है या नाबालिग पुत्र/पुत्री है, तो मृतक के पिता या माता को योजना के तहत राहत मिलेगी, बशर्ते उनका नाम एसएमसी में आए.

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जून में शुरू हुई है मुख्यमंत्री कोविड-19 परिवार आर्थिक सहायता योजना

मुख्यमंत्री कोविड-19 परिवार आर्थिक सहायता योजना दिल्ली सरकार द्वारा जून 2021 में कोविड-19 से मरने वाले मृतकों के परिवार के जीवित सदस्यों को राहत प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी. इस योजना के तहत केजरीवाल सरकार उन परिवारों को कैश ट्रांसफर प्रदान करती है, जिन्होंने COVID-19 के कारण अपनी रोजी-रोटी कमाने वालों को खो दिया था.

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दिल्ली के राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा, “जैसा कि हमारे माननीय सीएम अरविंद केजरीवाल ने हमेशा दिल्ली के लोगों का साथ दिया है, दिल्ली सरकार इस दुख की घड़ी में भी लोगों के साथ खड़ी रहेगी. यह हमारा कर्तव्य है कि इस महामारी में अपने प्रियजनों को खोने वाले परिवारों की हम हरसंभव मदद करें.”