रायपुर. स्वराज पार्टी के ज़रिए देश में किसानों के मुद्दे पर राजनीति करने वाले योगेंद्र यादव ने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पारित भू राजस्व संहिता संशोधन बिल पर तीखी टिप्पणी की है. योगेंद्र यादव ने लल्लूराम डॉट कॉम के लाइव कार्यक्रम में कहा है कि अब छत्तीसगढ़ सरकार आदिवासी की लंगोट और जमीन को भी लेना चाहती है. यादव यहीं नहीं रुके उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार को ज़मीन के दलाल की संज्ञा दे दी.

योगेंद्र ने कहा कि इस कानून के पास होने के बाद सरकार कंपनियों के लिए ज़मीन की दलाली करेगी. उन्होंने कहा कि अदानी और अम्बानी को जमीन खरीदनी होगी तो उसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार जमीन खरीदकर उनकी झोली में डाल देगी.इस बिल को योगेंद्र ने आदिवासियों  के हितों और देश के कानून के विरूद्ध बताया. उन्होंने कहा कि देश में पेशा कानून बना है, उसमे ग्राम सभा को अधिकार है उसके बिना यह हो नहीं सकता है. और यह बिल भारत के संविधान के विरूद्ध है.

योगेन्द्र ने कहा कि देश में पहले से ही पेशा कानून बना है जिससे आदिवासी को उसकी जमीन से बेदखल नहीं किया जा सकता. चाहे वो भूलवश भी ऐसा करना चाहे तो भी. अब छत्तीसगढ़ सरकार अपने राजस्व अधिनियम में जो संशोधन कर रही है. जिसमें सरकार अब आदिवासियों की जमीन खरीद सकेगी. क्योकि साल 2013 में जो अधिग्रहण कानून बना था उसको सरकार लागू नहीं करना चाहती है. क्योकि उसमें आदिवासी को पैसे देना पड़ जायेगा, इसलिए सरकार एक चोर दरवाजा खोलना चाहती है.

 

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