रायपुर.  बुजुर्गों से लेकर कम उम्र तक के बच्चों में हृदय से जुड़ी समस्याओं के लिए जिले भर से रेफर किए संभावित हृदय रोगी मरीज की स्क्रीनिंग जिला अस्पताल पंडरी में विशेष शिविर लगाकर विश्व हृदय दिवस के उपलक्ष में हृदय स्क्रीनिंग एवं अन्य स्क्रीनिंग भी की गई.

जिला नोडल अधिकारी गैर संचारी रोग डॉ. सृष्टि यदु ने बताया कि ‘जिला अस्पताल पंडरी में 150 लोगों की हृदय  स्क्रीनिंग की गई इन लोगों को रायपुर जिले के अभनपुर, तिल्दा, आरंग, धरसीवा विकासखंड और रायपुर शहरी क्षेत्र से जिला अस्पताल पंडरी में रेफर किया गया था. इन के लियें विशेष शिविर लगाकर विश्व हृदय दिवस के उपलक्ष में हृदय स्क्रीनिंग की गई .’

जाने कहा-कहा से आए थे विशेषज्ञ

डॉ. यदु ने कहा ‘ हृदय स्क्रीनिंग  शिविर में बच्चों के ह्रदय अस्पताल सत्य साईं ह्रदय अस्पताल से प्रशांत ठाकुर और उनकी टीम ने बच्चों के हृदय  स्क्रीनिंग की. वही मेकाहारा की स्मृति श्रीवास्तव और उनकी टीम के साथ  प्रीतम साहनी एम्स (ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस) और उनकी टीम ने युवाओं और बुजुर्गों लोगों की स्क्रीनिंग की. उनका ईसीजी और इको भी किया गया. साथ ही गंभीर मरीजों को मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल रायपुर (मेकाहारा) और ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस (एम्स) में परामर्श करने के लिए दिया गया. वहीं बच्चों को सत्य साईं ह्रदय अस्पताल के लिए परामर्श दिया गया.  इस शिविर में 35 हृदय रोगियों को ह्रदय सर्जरी के लिए उच्च केंद्रों पर रेफर किया गया.

जाने मरीजों से क्या कहा सीएमओ ने

स्क्रीनिंग के उपरांत मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मीरा बघेल ने ‘आए हुए लोगों को हृदय रोग के बारे में बताया और उनको जागरूक करने के लिए जानकारियां भी दी.  जिसमें छोटी-छोटी आदतों को सुधार कर हम हृदय रोग के खतरे को कैसे  टाल सकते हैं. इन आदतों के बारे में उन्होंने कहा लोगों के पास अपने शरीर और मन को स्वस्थ और शांत रखने के लिए समय ही नहीं है. इसलिए समाज के हर व्यक्ति को जागरूक होना होगा. आदतों में रात में जल्दी सोने, सुबह जल्दी उठने, रात में भोजन के बाद कम से कम 100 मीटर टहलने, फास्टफूड व जंकफूड से परहेज, तली भुनी चीजों का कम से कम प्रयोग, अधिक मात्रा में मांसाहार भोजन व धूम्रपान एवं मद्यपान से दूरी, उम्र के हिसाब से सुबह उठ कर योग करना, टहलना, खेलना, व्यायाम करना आदि को शामिल करना चाहिए’

डॉ.बघेल ने कहा, हृदय को स्वस्थ रखना हमारे लंबे जीवन के लिए आवश्यक ही नहीं बल्कि निहायत ही जरूरी है. लेकिन अपने आप को स्वस्थ रखने की चाह रखने वाला व्यक्ति अपने रहन-सहन और खान-पान, तैलीय भोज्य पदार्थों के कारण हृदय रोगी बन रहा है. उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को यह बताना है कि ह्रदय को स्वस्थ रखने के लिये दिनचर्या में कैसे बदलाव लाया जाये ताकि ह्रदय की बीमारी से बचा जा सके.