रायपुर. शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने के लिए राज्य शासन द्वारा संकल्प लिया गया हैं. इस संबंध में दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन रायपुर के एक निजी होटल में किया गया था. जिसका समापन मंगलवार को हुआ. इस प्रशिक्षण कार्यशाला में चिकित्सा महाविद्यालयों व शहरी स्वास्थ्य केन्द्रों के बीच सामंजस्य बनाकर मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के लिए रणनीति बनाई गई. कार्यशाला का उद्घाटन कुलपति आयुष डाॅ. जी.बी.गुप्ता, संचालक स्वास्थ्य रानू साहू, मिशन संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन डाॅ.सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे, राज्य नोडल अधिकारी शहरी डाॅ. कमलेश जैन व राज्य के नोडल अधिकारी ने किया.
इस कार्यशाला में विषय-विशेषज्ञ के रूप में वर्धा मेडिकल काॅलेज, सीएमसी वैल्लोर तथा एम्स, दिल्ली के चिकित्सकों को आमंत्रित किया गया था. छत्तीसगढ़ के 10 शासकीय व निजी चिकित्सा महाविद्यालयों के चिकित्सक उपस्थित रहे.कार्यशाला में शहरी स्वास्थ्य एवं शहरी घोषित, अघोषित बस्तियों में रहने वाले निवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उनके मोहल्ले में मिले इस पर विचार-विमर्श किया गया. मेडिकल काॅलेज के डाॅक्टर, शहरी क्षेत्रों में स्थित, शहरी स्वास्थ्य केन्द्र में अनुबंध के आधार पर अपनी सेवायें देने पर चर्चा की गई.
वहीं 20 हजार के स्लम आबादी में 1 डाॅक्टर को अनुबंध के आधार पर रखने का प्रावधान पर भी विशेष चर्चा की गई । मेडिकल काॅलेज के डाॅक्टर अपने खाली समय में शहरी स्वास्थ्य के मोबाईल वेन में जाकर शहरी क्षेत्र में अपनी सेवायें देंगे, पर चर्चा हुई. शहरी स्वास्थ्य केन्द्रों में डेन्टिस्ट डाॅक्टरों के लिए डेंटल चेयर स्थापित किये जायेंगे. कार्यशाला में मेडिकल काॅलेज के 50 चिकित्सक मेडिसिन, स्त्री रोग, कम्यूनिटी मेडिसिन, शिशु रोग व अन्य विभाग के चिकित्सक उपस्थित रहे.
गौरतलब है कि शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य व्यवस्था काफी जटिल है लोगों को उच्च मानक स्तर के स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के लिए विभिन्न विभागों का सहयोग लिया जा रहा है. अद्योसंरचना के लिए नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग तथा टीकाकरण, शिशु स्वास्थ्य, मातृत्व स्वास्थ्य जैसे कार्यक्रम के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग के सहयोग भी लिया जा रहा है.