बोधगया। बिहार के बोधगया को एक बार फिर दहलाने की साज़िश नाकाम कर दी गई है. शुक्रवार देर रात महाबोधि मंदिर के पास से सुरक्षाबलों ने 3 ताकतवर जिंदा बम बरामद किए. बम मिलते ही मंदिर में हड़कंप मच गया. तुरंत पुलिस ने एंटी बम स्क्वॉड की टीम को बुलाया, जिन्होंने बम को डिफ्यूज कर दिया.
बम मिलने के बाद से मंदिर में दहशत का माहौल हो गया. सुरक्षाबलों ने देर रात सर्चिंग ऑपरेशन चलाया.
दलाई लामा भी हैं बोधगया में
तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा भी इन दिनों बोधगया में हैं. उन्होंने गुरूवार को निगमा पूजा का उद्घाटन किया था. कल शुक्रवार को राज्यपाल सत्यपाल मलिक भी बोधगया मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए पहुंचे थे.
3 जनवरी से यहां कालचक्र पूजा की शुरुआत हुई है, जिसमें शामिल होने के लिए करीब 60 हज़ार लोग बोधगया में हैं. वहीं विभिन्न देशों जैसे कि रूस, फ्रांस, ताइवान, अमेरिका और मंगोलिया से भी श्रद्धालु और मीडियाकर्मी यहां पहुंचे हुए हैं. 7 जनवरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कालचक्र मैदान में दलाई लामा से मुलाकात की थी और उनका आशीर्वाद लिया था. बता दें कि दलाई लामा 50 दिनों के लिए बोधगया पहुंचे हुए हैं.
महाबोधि मंदिर की सुरक्षा में बड़ी सेंध
महाबोधि मंदिर के पास ताकतवर बमों का मिलना सुरक्षा में बड़ी चूक मानी जा रही है. क्योंकि इतनी हाईलेवल सिक्योरिटी के बावजूद बम मंदिर तक कैसे पहुंचा, इसके लिए पुलिस माथापच्ची कर रही है. ऊपर से 7 जुलाई 2013 को महाबोधि मंदिर में सीरियल ब्लास्ट्स हुए थे. 8 ब्लास्ट से पूरा मंदिर दहल गया था. इसमें 2 बौद्ध भिक्षुओं समेत 5 लोग घायल हुए थे. इस सीरियल ब्लास्ट की गूंज न केवल बिहार बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर सुनाई दी थी और सुरक्षा का मुद्दा गरमाया था.
ऐसे में कल यहां इतने ताकतवर बमों के मिलने से सुरक्षा पर प्रश्नचिन्ह लग गया है.