नई दिल्ली. कोरोना वायरस का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन दुनियाभर में तेजी से फैल रहा है. पिछले एक हफ्ते में ही यह दक्षिण अफ्रीका से लेकर 23 देशों में पहुंच चुका है. प्रभावित देशों के अलावा अब तक कुल 30 से ज्यादा देशों ने इस वैरिएंट को रोकने के लिए ट्रैवल बैन सहित अपने बॉर्डर तक सील कर दिए हैं.
एक जानकारी के अनुसार, ओमिक्रॉन अब तक ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, बोत्सवाना, कनाडा, चेक गणराज्य, डेनमार्क, जर्मनी, हॉन्गकॉन्ग, इजराइल, इटली, जापान, नीदरलैंड, नाइजीरिया, पुर्तगाल, रीयूनियन, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, स्पेन, स्वीडन, स्विट्जरलैंड और ब्रिटेन में पहुंच चुका हैं. बुधवार को दक्षिण कोरिया में भी इसके 5 मामले सामने आए हैं. पांचों नागरिक नाइजीरिया से यहां पहुंचे हैं.
चीन में पहले से ही बॉर्डर पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए गए थे. यहां केवल नागरिकों और परमिट होल्डर को ही देश में आने की अनुमति है. इसके अलावा हॉन्गकॉन्ग ने दक्षिण अफ्रीका, बोत्सवाना, इस्वातिनी, लेसोथो, मलावी, मोजाम्बिक, नामीबिया और जिम्बाब्वे से आने वाले लोगों पर प्रतिबंध लगाया है.
हॉन्गकॉन्ग ने सोमवार को अंगोला, इथियोपिया, नाइजीरिया और जाम्बिया को भी प्रतिबंध वाले देशों में शामिल कर लिया है. इसके साथ ही वैसे लोग जो देश के नागरिक नहीं हैं और पिछले 21 दिनों में ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, कनाडा, चेक गणराज्य, डेनमार्क, जर्मनी, इजराइल और इटली गए थे, उन्हें भी इस लिस्ट में शामिल किया गया है. बुधवार को इस लिस्ट में जापान, पुर्तगाल और स्वीडन को शामिल किया गया है.
इन देशों ने बॉर्डर पूरी तरह बंद किए
इजराइल ने अगले 14 दिनों के लिए विदेश से आने वाले लोगों पर देश में आने पर पाबंदी लगा दी है. इजराइल के नागरिक जो देश के बाहर हैं, उनके लौटने पर उन्हें 14 दिनों तक क्वारैंटाइन में रहना होगा. यह नियम पूरी तरह से वैक्सीनेटेड लोगों पर भी लागू होगा.
जापान ने एक महीने के लिए अपनी सीमाओं को विदेश से आने वाले लोगों के लिए बंद कर दिया है. इसमें विदेशी स्टूडेंट्स और बिजनेस मैन भी शामिल हैं. मोरक्को ने दूसरे देशों से आने वाली सभी उड़ानों को दो सप्ताह के लिए सस्पेंड कर दिया है.