राकेश चतुर्वेदी,भोपाल। मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव को निरस्त करने के शिवराज सरकार के फैसले से पंचायतों में घमासान मचा हुआ है. भोपाल में कहीं खुशी कहीं गम का माहौल है. उम्मीदवारों की मिली-जुली प्रतिक्रिया भी सामने आ रही है. कोई उम्मीदवार फैसले को सही ठहरा रहा है, तो कोई गलत बता रहा है. कई जगह पर पंचायत चुनाव निरस्त होने से पंचायत, जनपद और जिले का चुनाव लड़ने वालों में खुशी का माहौल है.
मप्र पंचायत चुनाव पर शिवराज कैबिनेट में मुहर लगने के बाद प्रत्याशी ढोल नगाड़े बजाकर जश्न मना रहे हैं. क्योंकि कई दावेदार ऐसे थे, जो 5 साल से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन 2014 के आरक्षण से चुनाव होने के कारण उनकी दावेदारी खत्म हो गई थी. वहीं कुछ वर्तमान के पूर्व सरपंच जो चुनाव नहीं लड़ना चाहते थे, वह भी मजबूरी में चुनाव लड़ रहे थे. इसके उलट कुछ दावेदारों में निराशा छाई हुई है, वो चुनाव का फार्म जमा कर लाखों रुपये खर्च कर चुके थे. जिससे वो निराश हैं.
पंचायत चुनाव निरस्त: CM शिवराज ने राज्यपाल से की मुलाकात, चुनाव निरस्तीकरण के प्रस्ताव पर की चर्चा
बता दें कि मप्र पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर राजनीतिक उठापटक जारी है. शिवराज सरकार ने पंचायत चुनाव टालने का फैसला किया है. बता दें कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पहले ही विधानसभा में प्रस्ताव पारित करा चुके हैं. इसके तहत बिना ओबीसी आरक्षण के पंचायत चुनाव नहीं कराए जाएंगे. हालांकि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है, जिस पर जनवरी 2022 में सुनवाई होनी है.
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