रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा उपार्जन केन्द्रों में धान को बारिश से बचाने के लिए दिए गए निर्देशों पर त्वरित अमल किया जा रहा है. मौसम में हुए आकस्मिक परिवर्तन व वर्षा को दृष्टिगत रखते हुए, जिला कलेक्टरों के माध्यम से सभी उपार्जन केन्द्रों का निरीक्षण जिला स्तरीय अधिकारियों के द्वारा सतत रूप से किया जा रहा है. धान के सुरक्षित रख-रखाव के लिए सभी आवश्यक प्रबंध किए जा रहे हैं.
धान को बारिश से बचाने के लिए कैप कव्हर लगाए गए हैं और पानी निकासी की व्यवस्था की गई है. मुख्यमंत्री बघेल द्वारा धान को बचाने के लिए कैप कव्हर लगाने और उपार्जन केन्द्रों में पानी की निकासी के लिए ड्रेनेज की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए थे. मार्कफेड, मुख्यालय में बनाये गये कंट्रोल रूम के माध्यम से भी सभी जिलों और अपैक्स बैंक से समन्वय कर धान के बेहतर व सुरक्षित रख-रखाव हेतु यथा-संभव समस्त आवश्यक प्रयास किये जा रहे हैं.
राज्य में धान खरीदी प्रारंभ होने के पूर्व ही सभी सहकारी समितियों को उपार्जित धान के समुचित रख-रखाव तथा भण्डारण के लिए लगभग 65.86 करोड़ रूपये की धन-राशि जारी की जा चुकी है. समितियों को धान सुरक्षा एवं रख-रखाव मद में 2.00 रूपये प्रति क्विंटल के मान से लगभग 18.40 करोड़ रूपये की राशि का अग्रिम भुगतान किया जा चुका है, ताकि समितियों द्वारा धान के रख-रखाव व भण्डारण हेतु ड्रेनेज, प्लास्टिक बोरी एवं तारपोलिन आदि की पर्याप्त और समुचित व्यवस्था की जा सके.
इसके अलावा समितियों को प्रासंगिक व्यय मद में 9.00 रूपये प्रति क्विंटल के मान से लगभग 47.46 करोड़ रूपये की राशि भी अब तक अंतरित की जा चुकी है. इस प्रकार समितियों को उपार्जित धान के समुचित व सुरक्षित रख-रखाव के लिए अब तक लगभग 65.86 करोड़ रूपये की पर्याप्त धन-राशि जारी की जा चुकी है.
इसके अलावा समितियों में धान के सुरक्षित रख-रखाव और भण्डारण को सुनिश्चित करने के लिए अपैक्स बैंक को 5.50 रूपये प्रति क्विंटल के मान से पर्यवेक्षण शुल्क का भुगतान मार्कफेड द्वारा किया जाता है, ताकि उनके मैदानी अमले द्वारा भी मॉनिटरिंग कर समितियों में धान के सुरक्षित रख-रखाव को सुनिश्चित किया जाए.
प्रबंध संचालक, अपैक्स बैंक एवं उनके मैदानी अमले द्वारा भी उपार्जन केन्द्रों की सतत् रूप से मॉनिटरिंग व पर्यवेक्षण किया जा रहा है. गौरतलब है कि खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अब तक लगभग 52.79 लाख मेट्रिक टन धान का उपार्जन राज्य में किया जा चुका है.
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