संदीप सिंह ठाकुर, लोरमी. मुंगेली जिले के धान खरीदी केंद्रों में खुलेआम गड़बड़ी करते हुए किसानों को जमकर लूटा जा रहा है. जहां विभागीय अधिकारियों के नाक के नीचे धान खरीदी केंद्र खुड़िया में खुलेआम घूसखोरी का खेल चल रहा है. इसके लिए बकायदा खरीदी प्रभारी के द्वारा तीन सदस्यों का एक गैंग बनाया गया है.

ताजा मामला लोरमी तहसील के खुड़िया धान खरीदी केंद्र से सामने आया है. जहां पर लंबे समय से मांग के बाद वनांचल क्षेत्र के बैगा आदिवासी सहित अन्य किसानों की समस्या को देखते हुए धान खरीदी केंद्र की शुरुआत तो कर दी गई है, लेकिन खरीदी केंद्र में प्रभारी के संरक्षण पर मौजूद तीन पर्सनल कर्मचारियों द्वारा किसानों से लाखों रुपए अवैध वसूली करने का मामला उजागर हुआ है.

जानकारी के अनुसार वनांचल क्षेत्र के किसान जो अपना धान समर्थन मूल्य में बेचने के लिए खरीदी केंद्र खुड़िया आते हैं. लेकिन उनके धान को खरीदने के लिए केंद्र में बोली लगाई जाती है. धान खरीदी केंद्र में पदस्थ कर्मचारियों के द्वारा जमकर गड़बड़ी की जा रही है.

मामला 27 दिसंबर 2021 का है जहां दर्जनभर किसान ऐसे हैं जिनका सैकड़ों बोरी धान खरीदी केंद्र आया ही नहीं है. इसके अलावा उनके धान की तौलाई भी मौजूद हेमालों ने नहीं की है. साथ ही हेमालों के रजिस्टर में एंट्री नहीं है. इसके बावजूद कागजों में सैकड़ों बोरी धान की तौलाई करके सबंधित किसानों के बैंक खाते में किस आधार पर लाखों रुपए जमा कर दिया गया.

वहीं धान खरीदी केंद्र में खुलेआम हो रहे वसूली को लेकर कांग्रेस पार्टी के वनांचल से चुने पूर्व जिला पंचायत सदस्य आदिवासी नेता तितरु मरावी ने बताया कि 180 बोरी धान बेचने के एवज में उन्होंने कर्मचारी को पांच हजार रुपए नगदी सहित 2 बोरी अतिरिक्त धान काम कराने के एवज में दिया है.

उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि धान खरीदी केंद्र में मौजूद कर्मचारी ने धान चेकिंग के दौरान क़्वॉलिटी खराब होने का हवाला देते हुए कहा कि 5 हजार खरीदी अधिकारी को दिया जाएगा बांकी 2 हजार वो खुद रखेंगे. पैसा नहीं देने पर धान वापस लेकर जाने की चेतावनी दी. जिसके बाद 5 हजार दे दिया.

बता दें कि बिना खरीदी प्रभारी की मौजूदगी के बगैर ही धड़ल्ले से धान की खरीदी कर दी गई जिसका कोई हिसाब हेमाली रजिस्टर में दर्ज नहीं है. अब मामले में खुड़िया के धान खरीदी प्रभारी जलेश्वर कुलमित्र अपना पल्ला झाड़ते हुए कह रहे हैं कि बिना विभाग को सूचना दिए तीन कर्मचारियों को काम पर रखा गया था. जिनके द्वारा किसानों से पैसा उगाही किया गया है. जो मौके से फरार हैं. वसूली करने वाले पर्सनल कर्मचारियों में मनोज चंद्राकर तुरवारी निवासी, मोती जायसवाल औराबांधा, मनोज दास औराबांधा शामिल हैं.

धान खरीदी केंद्र खुड़िया में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है जहां सैकड़ों क्विंटल धान फर्जी तरीके से बेचा गया है इन बेचे गए धान हेमालों के रजिस्टर में दर्ज नहीं है जबकि किसानों के खाते में बकायदा राशि भी पहुंच गया है इसकी जांच की जाये तो बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आएगा.

वहीं जब किसानों की शिकायत पर lalluram.com की टीम मौके पर पहुंची तब पड़ताल में आवक रजिस्टर का अध्ययन करने पर पता चला कि किस प्रकार फर्जीवाड़े को अंजाम दिया जा रहा है. जहां धान के फड़ में दर्जनभर किसानों के सैकड़ों बोरी धान आए बिना ही बिक्री पत्रक जारी हो गया.

ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं कि नियम के अनुसार किसानों के धान की तौलाई के बाद ही बिक्री पत्रक में नाम दर्ज किया जाता है. जबकि 27 दिसंबर 2021 की खरीदी में कुछ किसानों के नाम दर्ज नहीं है. वही हेमाल ग्रुप के चार मुकरदम धनीराम, दिलहरण, दिनेश और अविनाश के बताए अनुसार 12 किसान ऐसे हैं जिनका नाम बिक्री पत्रक में दर्ज तो है, लेकिन उनके धान की तौलाई उन्होंने नहीं की है.

वही मौके पर धान खरीदी केंद्र खुड़िया में जिला के सहायक विपणन अधिकारी उत्तरा कुमार कौशिक और विभाग के सीईओ नरेंद्र कश्यप निरीक्षण करने मौजूद रहे. जिनको किसानों ने अपनी समस्या बताई, लेकिन उन्होंने शिकायत को अनसुना कर दिया.

बता दें कि जिला अधिकारी उत्तरा कुमार कौशिक का तबादला एक महीने पहले मरवाही हो गया है, बावजूद इस जिले में जमे हुए हैं.

किसानों के द्वारा पैसों का लेनदेन सहित अन्य गडबड़ी की शिकायत पर एसडीएम ने कहा कि शिकायत के आधार पर किसानों के बयान लेने नायब तहसीलदार को निर्देश दिया है. साथ ही इस मामले में संलिप्त कर्मचारियों को नोटिस जारी करते हुए विस्तृत जांच के बाद आगे कार्रवाई की जाएगी.

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