कुमार इंदर, जबलपुर/दीपक कौरव,नरसिंहपुर। मध्यप्रदेश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सरकार ने बड़े आयोजनों और मेलों पर प्रतिबंध लगा दिया है. जिसका असर मकर संक्रांति पर भी पड़ा है. जबलपुर और नरसिंहपुर में मकर संक्रांति के दिन नर्मदा के घाटों में लगने वाले मेलों और सामूहिक स्नान पर जिला प्रशासन ने रोक लगा दी है. जिला प्रशासन ने कोरोना की तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए यह फैसला लिया है.

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जबलपुर कलेक्टर ने अपने आदेश में साफ तौर पर इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी है. बता दें कि मकर संक्रांति के पर्व पर नर्मदा नदीं के किनारे सदियों से मेले लगते आए हैं. संक्रांति के दिन नर्मदा नदी में लाखों लोग आस्था की डुबकी भी लगाते हैं. ग्वारीघाट, तिलवाराघाट, भेड़ाघाट में तो खास तौर पर तिल-गुड़ के पर्व मकर संक्रांति में हजारों लोग जुटते हैं. यही वजह है कि खतरे को भांपते हुए जिला प्रशासन ने मेले और सामूहिक नर्मदा स्नान पर मकर संक्रांति के दिन प्रतिबंध लगा दिया है. हालांकि जबलपुर कलेक्टर का कहना है कि सामूहिक स्नान और मेले पर पूरी तरह से सरकार की गाइड लाइन के मुताबिक प्रतिबंध रहेगा, लेकिन यदि कोई व्यक्ति अकेले जाकर नर्मदा में आस्था की डुबकी लगाना चाहता है तो वह जा सकता है. लेकिन यदि दो से ज्यादा लोग जाते हैं तो उन्हें जरूर रोका जाएगा.

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मकर संक्रांति के मौके पर नरसिंहपुर के बरमान घाट पर लगने वाला ऐतिहासिक मेला इस साल नहीं लगेगा. कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए कलेक्टर ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया है. मकर संक्रांति से लेकर नर्मदा जयंती तक यहां मेले का आयोजन किया जाता है.  जिसमें लाखों की संख्या में लोग आते हैं. मेले को प्रतिबंधित करने से व्यापारियों में मायूसी छा गई है.

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