आशुतोष तिवारी, रीवा। कहते है जीवन मृत्यु अकाट्य सत्य है.. इंसान चाह कर भी कुछ नही कर सकता। ऐसा नजारा देखने को मिला जब एक उन्नतशील किसान 8 महीने तक जिन्दगी और मौत से जंग जंग लड़ता रहा। 8 करोड़ रुपए से अधिक खर्च करने के बाद भी मौत हो गई। 8 करोड़ रुपए जुटाने के लिए परिवार ने 50 एकड़ जमीन तक बेच दिया। बावजूद इसके परिवार उनकी जान नहीं बचा पाया। 

इसे भी पढ़ेः BIG BREAKING: पूर्व कांग्रेस विधायक राजेंद्र भारती गिरफ्तार, आदिवासी परिवार के साथ धोखाधड़ी और धमकी देने का आरोप

ये दास्तां है रीवा के 50 वर्षीय उन्नतशील किसान धर्मजय सिंह की। धर्मजय सिंह को पिछले साल जिन्हें अप्रैल 2021 में कोरोना संक्रमण हुआ था। इन्हे रीवा हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। सेहत में सुधार नही हुआ तो 18 मई 2021 को परिवार ने अपोलो हॉस्पिटल चेन्नई एयर लिफ्ट किया। अपोलो अस्पताल ( Apollo Hospital) में 8 महीने इलाज के बाद धर्मजय सिंह की मंगलवार रात मौत हो गई। उनके इलाज में 8 करोड़ रुपए से अधिक खर्च हो चुके थे।  देश के नामी डॉक्टरों के साथ लंदन के डॉक्टर धर्मजय का इलाज कर रहे थे।

रीवा में इलाज के दौरान फेफड़ों में संक्रमण काफी ज्यादा फैल गया था 

रीवा हॉस्पिटल ( Rewa Hospital)  में इलाज के दौरान धर्मजय के फेफड़ों में संक्रमण काफी ज्यादा फैल गया था। फेफड़ों का इलाज चल रहा था उसी दौरान किडनी और ब्रेन हैमरेज हो गया। कोरोना संक्रमित होने के बाद धर्मजय का लगभग 254 दिन यानी 8 महीने से अधिक इलाज चला। धर्मजय सिंह रीवा हॉस्पिटल में कई दिनों तक वेंटिलेटर में थे इसके बाद अपोलो में एक्मो मशीन पर रखा गया था। अकेले इस मशीन का चार्ज एक दिन का 1 लाख रुपए से अधिक है ऊपर से दवाइयों, डॉक्टर की फीस और अन्य खर्च मिलाकर लगभग 3 लाख रुपए खर्च हो रहे थे। जिसके लिए परिवार ने 50 एकड़ जमीन तक बेच डाली।

इसे भी पढे़ः MP में कोरोना हुआ जानलेवाः पिछले 24 घंटे में 3 मरीजों की हुई मौत, कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा भी संक्रमित, प्रदेश में पिछले 11 दिनों में 18 साल तक के 1700 से ज्यादा बच्चे पॉजिटिव हुए

इलाज के दौरान हुआ था ब्रेन हेमरेज, तब से वेंटिलेटर पर थे 

रीवा जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर मऊगंज क्षेत्र के रकरी गांव के रहने वाले धर्मजय सिंह में कोविड के लक्षण मिलने पर 30 अप्रैल 2021 को सैंपल लिया गया। 2 मई को आई रिपोर्ट में कोरोना संक्रमित मिले थे। तब से उनका इलाज लगातार चल रहा था। एक सप्ताह पहले अचानक धर्मजय सिंह का ब्लड प्रेशर कम को गया था। डॉक्टरों ने उन्हें आईसीयू में भर्ती कर दिया। यहां उन्हें ब्रेन हेमरेज हो गया और वेंटिलेटर पर रखना पड़ा। धर्मजय की मंगलवार रात को मौत हो गई। धर्मजय सिंह के फेफड़े 100% संक्रमित हो गए थे।फेफड़ों में संक्रमण के कारण एक्मो मशीन के माध्यम से उन्हें नई जिंदगी देने की कोशिश की जा रही थी। चार दिन बाद कोरोना संक्रमण से मुक्त हो गए थे।

इसे भी पढ़ेः यात्रीगण कृपया ध्यान दें! भोपाल रेल मंडल के 11 ट्रेनों में एमएसटी की सुविधा शुरू, भोपाल-जोधपुर एक्सप्रेस समेत इन ट्रेनों में कर सकेंगे यात्रा

देश-विदेश के नामी डॉक्टरों ने​ इलाज किया। उनको देखने लंदन के ख्यातिलब्ध डॉक्टर अपोलो अस्पताल आया करते थे। साथ ही अन्य देशों के डॉक्टरों की भी ऑनलाइन सलाह ली जा रही थी। लंदन के​ डॉक्टरों के कहने पर ही आठ माह तक एक्मो मशीन पर रखा गया था। वह पूरी तरह ठीक हो गए थे। लेकिन ब्रेन हैमरेज हो जाने से उनकी मौत हो गयी।

कोरोना के दौरान समाजसेवा करते समय हुए थे संक्रमित 

जमीदार के घराने से ताल्लुक रखने वाले धर्मजय सिंह उन्नतशील किसान थे। तीन भाइयों के बीच 1हजार एकड़ से अधिक पुस्तैनी जमीन है। धर्मजय सिंह को रास्ट्रपति ने सम्मानित किया था। धर्मजय सिंह ने स्ट्रॉबेरी और गुलाब की खेती को पहचान दिलाई थी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 26 जनवरी 2021 को मुख्य समारोह में सम्मानित किया था। धर्मजय कोविड के दौरान समाजसेवा में लगे थे उसी दौरान वह संक्रमित हुए थे।

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus