लखनऊ. यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि समाजवादी पार्टी के भंडार में माफिया, अपराधियों, दंगाइयों को संरक्षण, अनेकानेक घोटाले और चीनी मिलों को बंदकर किसानों की बर्बादी की दास्तां लिखने वाले अखिलेश यादव अन्नदाता को बरगलाने की लाख कोशिश कर लें, किसान अब उनके झांसे में नहीं आने वाले. यह उन्होंने 2017 के चुनाव में ही जता दिया था और उसे ही इस चुनाव में भी दोहराने जा रहे हैं. अखिलेश यादव को यह भली भांति समझ लेना चाहिए कि झूठे संकल्प की जमीन पर किसी का विकल्प बनने की खेती नहीं हो सकती.

उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने सोमवार को यहां पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में कही. हाथ मे अन्न लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव द्वारा किए गए संकल्प को सियासी ड्रामा बताते हुए उन्होंने कहा कि काश! अखिलेश संकल्प का मतलब भी समझ पाते. यदि उन्हें अन्नदाता किसानों की फिक्र रही होती तो जब जनता ने पूरे पांच साल मौका दिया था, तब वह सिंचाई, गन्ना मूल्य भुगतान, एमएसपी पर खरीद जैसे बुनियादी काम करते. इसकी बजाय उन्हें चीनी मिलों की बंदी पसंद आई, गन्ना किसानों का करोड़ों रुपए का भुगतान फंसाए रखने में मजा आया. बिचौलियों को लगाकर किसानों की फसल औने- पौने दाम पर खरीदना भाया. ऐसे कार्यों की ख्याति अपने नाम करने वाले अखिलेश आखिर किस मुंह से उस अनाज को हाथ में लेकर संकल्प ले रहे हैं जिसे अन्नदाता अपने खून पसीने से उपजाता है.

उन्होंने कहा कि आज झूठ के शहंशाह ‘फार्मर्स रिवाल्विंग फंड’ बनाने और किसानों को 15 दिन में गन्ना मूल्य भुगतान का वादा कर रहे हैं. बेहतर होता कि इस संकल्प के साथ वह अपने और भाजपा सरकार द्वारा किसान हित में किए गए कार्यों का भी ब्यौरा किसानों को बता देते. हिम्मत होती तो यह भी जाहिर कर देते कि किसानों को अनाज व गन्ना मूल्य का कितना भुगतान उन्होंने किया था और कितना योगी सरकार ने.

केशव ने कहा कि मोदी-योगी की डबल इंजन की सरकार ने अन्नदाता के हित में जो किया, उस आईने में अगर अखिलेश अपने काम देखेंगे तो सब कुछ स्याह दिखेगा. एमएसपी पर अनाज की रिकार्ड खरीद और भुगतान, पहली ही कैबिनेट में 36 हजार करोड़ रुपए की कर्जमाफी, लंबित सिंचाई परियोजनाओं से लाखों हेक्टेयर भूमि सिंचन क्षमता का विस्तार, सभी चीनी मिलों को चालू करवाना, नई और अत्याधुनिक चीनी मिलों की स्थापना, खंडसारी और गुड़ उद्योग को प्रोत्साहन, गन्ना किसानों को अब तक का ऐतिहासिक भुगतान, किसान सम्मान निधि आदि ऐसे अनेक कार्य और उपलब्धियां हैं, जिन्हें आप भले जानबूझकर न याद रखें लेकिन हर किसान को यह अक्षरश: याद हैं. और, यही वजह है कि अन्नदाता किसान योगी सरकार को दोबारा लाने का संकल्प ले चुके हैं.

केशव ने कहा कि दरअसल सपा किसानों की दुश्मन है. फसल सूख जाती थी बिजली नहीं आती थी. किसानों की फसल आपदा में बर्बाद हो जाए तो 2,2 साल तक मुआवजा नहीं मिलता था. ये तो दुश्मनी हुई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशन में उत्तर प्रदेश की 2 करोड़ 55 लाख किसानों के एक वर्ष मे 2,2 हजार की सम्मान निधि 6 हजार रुपए मिल रही है. उन्होंने कहा कि सपा, बसपा, कांग्रेस एक ही थाली के चट्टे बट्टे हैं. इनकी एक ही नीति है, जो भी योजना बने उसका 15 प्रतिशत ही योजना पाने वालों तक जाए, शेष ये सफाचट कर जाएं. भाजपा सरकार ने इसपर लगाम लगाने का काम किया है. उन्होंने कहा कि किसान बिलों पर किसान भाई नहीं माने तो प्रधानमंत्री ने बड़ा दिल दिखाते हुए किसान बिल वापस लिया माफियाओ, अपराधियों दंगाइयों के सरपरस्त और आतंकियों के पैरोकार सपा के लोग गरीबों का हित क्या जानें.