इमरान खान, खंडवा। राष्ट्रीय बालिका दिवस (National Girl Child Day) एक परिवार के लिए अब हमेशा यादगार रहेगा। क्योंकि इस दिन उन्हे अपनी 3 साल से गुमशुदा हुई बेटी जो वापस मिल गई है। दरअसल मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले के छोटे से गांव नागनखेड़ी के रहने वाले आदिवासी परिवार की बेटी नीरू 3 साल पहले परिवार के कहने पर मजदूरी करने गुजरात गईथी। जिसे बाद में महेश्वर के पास मेहतवाड़ा गांव में रहने वाली कामाबाई नामक महिला ने बंधुआ मजदूर (bonded labor) बनाकर अपने पास ही रख लिया था। अब तीन साल बाद नीरू को खंडवा के महिला सुधार गृह ने उसके माता–पिता को सौंप दिया है। बेटी से मिलकर माता–पिता की खुशी का ठिकाना न रहा आंसू छलक पड़े। वहीं बिटिया भी अपने परिवार से मिलकर बेहद खुश है। 19 साल की नीरू को लेने उसके माता–पिता तथा भाई झाबुआ से खंडवा पहुंचे और विधिवत कार्रवाई कर बेटी को लेकर गए।

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नीरू को लेने आए उसके भाई अमरसिंह ने बताया कि परिवार ने 3 साल पहले नीरू गुजरात से गुम हो गई थी। इसके बाद वहां से वो किसी महिला के चंगुल में फंस गई। महिला ने उसे बंधुआ मजदूर बनाकर रखा और उससे काम करवाती रही। वहां से भागकर नीरू अधिकारियों के संपर्क में आई। हमने तो आस छोड़ दी थी, लेकिन भगवान ने आज वापस बहन से मिला दिया।

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माता पिता से मिलकर बहुत अच्छा लग रहा

अपने माता–पिता से मिलकर नीरू भी बेहद खुश दिखाई दी, नीरू ने बताया कि गुजरात में वहां एक महिला से मिली जिसका नाम कामाबाई है। मैं उसकी बातो में आ गई और उसके साथ चली गई। वो मुझसे काम करवाती थी, सिर्फ खाना देती है। बाद में वह अत्याचार करने लगी। फिर मैं वहां से भाग निकली और पुलिस के पास पहुंची। पुलिस ने मुझे वन स्टॉप सेंटर (one stop center) भेज दिया। इसके बाद मैं मैडम के साथ खंडवा आई जिन्होंने मुझे यहां रखा। अब 3 साल बाद मैं अपने माता पिता से मिल रही हूं, बहुत अच्छा लग रहा है।

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3 साल पहले उसके परिवार वालों ने मजदूरी करने गुजरात भेजा था

नीरू की काउंसलिंग करने वाली महिला सुधार गृह की स्वप्निल जैन ने बताया कि नीरू को 3 साल पहले उसके परिवार वालों ने मजदूरी करने गुजरात भेजा था। जहां वह महेश्वर के पास मेहतवाड़ा गांव में रहने वाली कामाबाई से मिली। कामाबाई नीरू को बहला फुसलाकर अपने गांव ले आई और उसे बंधुआ मजदूर बनाकर खेत के अलावा घर में काम करवाने लगी। बाद में जब वह नीरू के साथ मारपीट और अत्याचार करने लगी तो नीरू वहां से भाग निकली और पुलिस के पास पहुंची पुलिस ने उसे खरगोन के वन स्टॉप सेंटर पहुंचाया जहां से हम नीरू को महिला सुधार गृह खंडवा लेकर आए। फिर नीरू ने हमे परिवार के बारे में बताया। हमने उसके परिवार से संपर्क किया और आज राष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर हमने नीरू को उसके माता पिता को सौंप दिया है।

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