सूर्यप्रकाश गोस्वामी,टीकमगढ़। जिला प्रशासन पर आज एक डॉक्टर ने सम्मान समारोह में धांधली का आरोप लगाया है। जिला प्रशासन द्वारा कोरोना काल में मेहनत करने वालों को नहीं अपने चहेतों का सम्मान किया है। बेहतरीन कार्य करने वालों की उपेक्षा की गई है।
जिला अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर अनुज रावत का दर्द छलक कर सामने आ गया। उनका कहना है कि उन्होंने कोरोना की तीसरी लहर में जी जान लगाकर मेहनत की थी। इसके बाद भी उनको पुलिस परेड ग्राउंड पर सम्मानित नहीं किया गया जिससे उनको काफी दुख हुआ। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने अपने चहेतों को ही सम्मानित किया है।
जिला प्रशासन ने आज गणतंत्र दिवस के मौके पर पुलिस परेड ग्राउंड पर कोरोना काल में बेहतरीन कार्य करने वाले डॉक्टरों सहित तमाम लोगों को सम्मानित किया गया। वहीं डॉक्टर अनुज रावत को नजरअंदाज कर उनका माखौल उड़ाया गया। डॉक्टर रावत ने अपनी पत्नी और बच्चे की जान की परवाह न करते हुये अपनी पत्नी का बेड कोविड मरीज को देकर उसकी जान बचाई थी।
डॉक्टर की पत्नी की डिलिवरी होनी थी और वह संक्रमित हो गई थी। वे जिला अस्पताल में भर्ती थी फिर भी उन्होंने रात दिन मेहनत कर लोगों की जानें बचाई और अपनी पत्नी का पलंग दूसरे मरीज को देकर अपना फर्ज निभाया था। फिर भी जिला प्रशासन ने आज उनको सममानित न कर उनकी उपेक्षा की गई। जिला प्रशासन के इस सम्मान समारोह पर सवालिया निशान लगाए जा रहे हैं।
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