पवन दुर्गम, बीजापुर। आज इनामी नक्सली दंपति ने आत्मसर्पण कर दिया. बोड़की कोवासी उर्फ सुखराम उर्फ नागेश और उसकी पत्नी गंगी मड़कामी उर्फ मनीला ने सरेंडर कर दिया. बोड़की कोवासी पर 3 लाख रुपए का इनाम था. वहीं गंगी मड़कामी पर 1 लाख रुपए का इनाम था.

नक्सली जीवन से तंग आकर दोनों पति-पत्नी ने आज बीजापुर एसपी एम आर अहिरे के सामने आत्मसमर्पण किया. बोड़की कोवासी और उसकी पत्नी की लंबे समय से पुलिस को तलाश थी. ये कई आपराधिक मामलों में आरोपी थे. बोड़की नक्सली संगठन में डिप्टी कमाण्डर था. वो दक्षिण बस्तर डिविजन (कमालूर एरिया कमेटी) का सदस्य था.

बोड़की कोवासी वर्ष 2002 में पार्टी सदस्य के रूप में भर्ती हुआ था. वर्ष 2005 में गंगालूर एरिया कमेटी में एलओएस सदस्य और 2006 में भैरमगढ़ एरिया कमेटी में माटवाड़ा एलओएस, साल 2007 से कमलूर एरिया कमेटी में एलजीएस डिप्टी कमाण्डर के रूप में कार्यरत रहा.

वहीं गंगी मड़कामी उर्फ मनीला माटवाड़ा एलओएस की सदस्य थी. भैरमगढ़ एरिया कमेटी में वो सक्रिय थी. ये साल 2004 में भैरमगढ़ एरिया कमेटी में भर्ती हुई थी. 2005 से 2006 तक गंगालूर प्लाटून नम्बर 12 में सदस्य के रूप में कार्यरत रही. 2007 में के.ए.एम.एस अध्यक्ष के रूप में गांव-गावं घूमकर महिलाओं से मीटिंग करती थी. वो माटवाड़ा एलओएस सदस्य के रूप में भी कार्यरत रही.

दोनों नक्सलियों को सरकार द्वारा प्रोत्साहन राशि दस-दस हजार रुपए दी गई.