कर्ण मिश्रा,ग्वालियर। मध्यप्रदेश के ग्वालियर देहात से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. जहां एक आरटीआई कार्यकर्ता ने सरपंच और उसके सहयोगियों पर बेतहासा मारपीट करने और जूते में यूरिन पिलाने का आरोप लगाया है. मारपीट के दौरान उसके हाथ पैर भी तोड़ दिए गए. जिसके चलते उसे ग्वालियर से इलाज के लिए दिल्ली रेफर किया गया है. एम्स में उसका इलाज जारी है. इस मामले में पुलिस ने गंभीर धाराओं में मामला दर्ज करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस के अनुसार शिकायतकर्ता पर भी पूर्व में आधा दर्जन से अधिक आपराधिक मामले दर्ज पाए गए हैं.
दरअसल पूरा मामला ग्वालियर के पनिहार थाना क्षेत्र के बरई ग्राम पंचायत का है, जहां आरटीआई कार्यकर्ता शशिकांत जाटव का आरोप है कि बरही ग्राम पंचायत के बारे में आरटीआई कानून के तहत जानकारी मांगी थी. इस बात से नाराज बरही सरपंच के पति, पंचायत सचिव और अन्य तीन साथियों ने बीती 23 फरवरी को उसे ग्राम पंचायत कार्यालय बुलाया. पीड़ित को एक कमरे में बंद कर बुरी तरह पीटा गया. साथ ही उस पर जातिवादी टिप्पणी भी की. यहां तक कि आरोपी पर उसे जूते से यूरीन पीने के लिए मजबूर करने का भी आरोप लगा है.
शिकायत पर पुलिस ने सात लोगों जिनमें आशा कौरव, संजय कौरव, धामू, भूरा, गौतम, विवेक शर्मा और सरनाम सिंह के खिलाफ हत्या, अपहरण के प्रयास, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के प्रावधानों के तहत अन्य आईपीसी की धाराओं में मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है. इस दौरान पुलिस की जांच में यह बात भी सामने आई है कि शिकायतकर्ता आरटीआई एक्टिविस्ट पर भी पूर्व में 10 से ज्यादा अपराध दर्ज पाए गए हैं.
लिहाजा ग्वालियर पुलिस अधीक्षक अमित शाह द्वारा मामले की विस्तृत जांच के लिए एडिशनल एसपी देहात जयराज कुबेर को जिम्मेदारी दी है. जिन के निर्देशन में एक पुलिस टीम दिल्ली में भर्ती आरटीआई एक्टिविस्ट के बयान दर्ज करने पहुंची है. जिसके साथ आगे की जांच पड़ताल शुरू की गई है.
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