नई दिल्ली। 1 अप्रैल 2018 से इनकम टैक्स के कई नियम बदलने जा रहे हैं. दरअसल वर्ष 2018-19 के वार्षिक बजट में शेयर और इक्विटी म्यूचुअल फंडों पर लगने जा रहे लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन टैक्स, सीनियर सिटिजन को ब्याज से होने वाली आय पर राहत दी गई है. वहीं वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वेतनभोगियों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन का भी प्रस्ताव रखा है. साथ ही इनकम टैक्स पर लगने वाले सेस की दर को एक फीसदी बढ़ा दिया गया है.

इनकम टैक्स के वे नियम, जो बदल जाएंगे

  1. 40,000 रुपये का नया स्टैंडर्ड डिडक्शन- नई कटौती का प्रस्ताव मौजूदा ट्रांसपोर्ट एलाउंस (19,200 रु) और मेडिकल री-इम्बर्समेंट (15,000 रु) की जगह लेगी. वैसे पेंशनभोगियों को ट्रांसपोर्ट एलाउंस और मेडिकल री-इम्बर्समेंट नहीं मिलता था, लेकिन अब उन्हें भी इस स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ मिलेगा. नई स्टैंडर्ड डिडक्शन के प्रभावी होने के बाद वेतनभोगियों की करयोग्य आय में से सीधे 40,000 रुपए घटा दिए जाएंगे.
  2. सीनियर सिटिजन के लिए टीडीएस की सीमा बढ़ी- वरिष्ठ नागरिकों को ब्याज से होने वाली आय पर स्रोत पर कर की सीमा को 10,000 रुपए से बढ़ाकर 50,000 रुपए करने का प्रस्ताव रखा गया है.
  3. वरिष्ठ नागरिकों के लिए सेक्शन 80डी के तहत डिडक्शन लिमिट बढ़ी- आम बजट 2018-19 में सरकार ने हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम के रूप में दी जाने वाली रकम पर टैक्स में छूट की सीमा को बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है. इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80टी के तहत अब तक वरिष्ठ नागरिकों को 30,000 रुपए के प्रीमियम पर टैक्स में छूट दी जाती थी, लेकिन अब ये सीमा 50,000 रुपए हो जाएगी. 60 साल से कम आयु के लोगों के लिए धारा 80डी के तहत दी जाने वाली छूट की सीमा 25,000 रुपए ही रहेगी, लेकिन अगर उनके माता-पिता वरिष्ठ नागरिक हैं, तो वे 50,000 रुपए की अतिरिक्त छूट ले पाएंगे, जिससे कि कुल छूट 75,000 रुपए यानि 25,000 + 50,000 रुपए हो जाएगी, जो वर्तमान में सिर्फ 55,000 रुपए है.
  4. सीनियर सिटिजन को इलाज में होगा लाभ- कुछ बीमारियों के इलाज पर हुए खर्च के 1,00,000 रुपए तक की रकम अब करयोग्य आय में से घटाई जाएगी, जबकि अब तक अति-वरिष्ठ नागरिकों यानि 80 साल से अधिक आयु के बुजुर्गों को 80,000 रुपए और वरिष्ठ नागरिकों यानि 60 वर्ष से अधिक के व्यक्तियों को 60,000 रुपए की छूट इस मद में दी जाती थी.
  5. सेस में बढ़ोतरी- इनकम टैक्स पर वसूले जाने वाले एजुकेशन सेस को मौजूदा तीन फीसदी से बढ़ाकर चार फीसदी कर दिया गया है. ये सेस करदाता के देय आयकर पर लगाया जाता है.
  6. इक्विटी में निवेश पर लगेगा लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन टैक्स- इक्विटी शेयर्स या फिर इक्विटी-ओरिएंटेड फंड्स के यूनिटों की बिक्री से होने वाली आय के 1,00,000 रुपए से अधिक होने पर अब 10 फीसदी टैक्स (सेस अतिरिक्त) वसूला जाएगा. हालांकि करदाताओं को फायदा पहुंचाने के लिए 31 जनवरी 2018 तक की आय को नहीं गिना जाएगा. इसका अर्थ ये हुआ कि आय के तौर पर जनवरी 2018 के बाद की कीमतों पर हुए लाभ को ही गिना जाएगा.
  7. इक्विटी म्यूचुअल फंडों से होने वाली डिविडेंड आय पर टैक्स के क्या नियम होंगे- इक्विटी ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड्स द्वारा दिए जाने वाले डिविडेंड पर 10 फीसदी की दर से टैक्स लगाया जाएगा.
  8. एकल प्रीमियम वाली हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी पर इनकम टैक्स में छूट- वैसे तो स्वास्थ्य बीमा करने वाली कंपनियां ग्राहकों को प्रीमियम में तब छूट देती हैं, जब वे कुछ सालों का प्रीमियम एक साथ अदा कर दें. लेकिन अब तक ऐसी पॉलिसियों पर भी कोई करदाता सिर्फ 25,000 रुपए तक की ही प्रमियम की रकम पर आयकर में छूट ले पाता था. लेकिन अब एक साल से ज़्यादा के लिए ली गई पॉलिसियों की प्रीमियम एक साथ अदा किए जाने की स्थिति में एक सीमा तक उतने ही सालों तक छूट ली जा सकेगी.
  9. NPS से निकासी पर टैक्स में मिलेगी छूट- सरकार ने नेशनल पेंशन सिस्टम यानि NPS से पैसे की निकासी पर टैक्स में छूट का लाभ गैर-कर्मचारी उपभोक्ताओं, जो NPS के सदस्य हैं, को भी देने का प्रस्ताव रखा है. मौजूदा नियमों के तहत कहीं नौकरी करने वाले उपभोक्ता एकाउंट की अवधि पूरा होने या उससे बाहर आने का फैसला करने पर जब रकम को निकालते हैं, तो उसमें से 40 फीसदी रकम पर टैक्स नहीं वसूला जाता है. यही छूट गैर-कर्मचारी उपभोक्ताओं को नहीं दी जाती है, लेकिन अब वित्तवर्ष 2018-19 से यही लाभ उन्हें भी मिल सकेगा.
  10. सीनियर सिटिजन्स के लिए ब्याज से आय पर छूट की सीमा बढ़ी- अब वरिष्ठ नागरिकों को बैंकों और पोस्ट ऑफिसों में खोले गए बचत खातों और आवर्ती जमा खातों पर मिलने वाले ब्याज से होने वाली आय में ज़्यादा रकम पर टैक्स में छूट हासिल होगी. वर्तमान में बचत खातों से होने वाली आय पर हरेक व्यक्ति आयकर अधिनियम की धारा 80टीटीए के तहत 10,000 रुपए तक के ब्याज पर टैक्स में छूट हासिल कर सकता है. लेकिन अब टैक्स कानूनों में धारा 80टीटीबी जोड़ने के प्रस्ताव किया गया है, जिसके तहत वरिष्ठ नागरिकों को ब्याज से होने वाली आय में से 50,000 रुपए तक की रकम पर कर में छूट हासिल होगी. हालांकि वरिष्ठ नागरिक अब 80टीटीए के तहत मिलने वाली छूट का लाभ नहीं उठा सकेंगे.
  11. PMVVY योजना के तहत लाभ- इसके अलावा सरकार ने प्रधानमंत्री वय वंदना योजना यानि PMVVY के तहत निवेश की सीमा को भी 7.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 15 लाख रुपए कर दिया है. इस योजना को मार्च 2020 तक विस्तार देने का प्रस्ताव भी दिया है. ये योजना वरिष्ठ नागरिकों के लिए है, जिसमें आठ फीसदी ब्याज दिया जाता है.