हेमंत शर्मा,इंदौर। एमपी के उज्जैन में दिग्विजय सिंह को काले झंडे दिखाने पर बीजेपी युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं की पिटाई मामले में कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्ग्विजय सिंह और पूर्व सासंद प्रेमचंद गुड्डू को एक साल की सजा सुनाई गई है. इसके अलावा 5 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. इंदौर जिला कोर्ट ने सजा का ऐलान किया है.

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इंदौर जिला कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्ग्विजय सिंह और पूर्व सासंद प्रेमचंद गुड्डू समेत 6 आरोपी दोषी करार दिया है. 3 आरोपियों को बरी किया है. आरोपियों को धारा 325 के तहत सजा सुनाई गई है. हालांकि कोर्ट से ही मौके पर जमानत मिल सकती है. उज्जैन में 17 जुलाई 2011 के विवाद और मारपीट मामले में सजा सुनाई गई है.

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इस मामले उनके अलावा पूर्व सांसद प्रेमचंद्र गुड्डू, विधायक महेश परमार, पूर्व शहर अध्यक्ष अनंत नारायण मीणा, पूर्व जिला अध्यक्ष जयसिंह दरबार (वर्तमान में बीजेपी नेता) मुकेश भाटी, असलम लाला आरोपी हैं. बीजेपी युवा मोर्चा कार्यकर्ता जयंत राव की शिकायत पर जीवाजी गंज थाने उज्जैन में मामला दर्ज हुआ था. दोनों पक्षों में मारपीट हुई थी. मामले में मारपीट सहित अन्य धारा में मुकदमा दर्ज है.

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बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भोपाल जिला अदालत के विशेष न्यायालय में इस मामले में अपने बयान दर्ज कराए थे. मामला 2011 का है. जिसमें काले झंडे दिखाए जाने के दौरान एबीवीपी के कार्यकर्ता अमय आप्टे पर जानलेवा हमले की कोशिश का आरोप था. उज्जैन में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के काफिले में भाजपा द्वारा काले झंडे दिखाने का मामला है. भाजपा कार्यकर्ताओं की काले झंडे दिखाने के बाद कांग्रेसियों ने पिटाई की थी.

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