चंडीगढ़। कोरोना के मामले अब घटने लगे हैं, ऐसे में लोग त्योहारों का जश्न मनाने के लिए बड़ी संख्या में जुटने लगे हैं. इस कड़ी में बैसाखी के मौके पर पंजाब और हरियाणा के गुरूद्वारों में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिली. बैसाखी का त्योहार फसल के मौसम के शुरूआत का प्रतीक है. सिख धर्म के सबसे पवित्र अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में पूजा-अर्चना करने के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है.
बैसाखी में हर साल 2 लाख से ज्यादा श्रद्धालु स्वर्ण मंदिर में टेकते हैं मत्था
गुरुद्वारा अधिकारियों के अनुसार, बैसाखी के अवसर पर हर साल लगभग दो लाख से ज्यादा भक्त स्वर्ण मंदिर में आते हैं. भक्तों की भीड़ को देखते हुए पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ के प्रमुख गुरूद्वारों में टास्क फोर्स के कर्मचारी तैनात हैं. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि भीड़भाड़ को रोकने के लिए स्वर्ण मंदिर की ओर जाने वाले सभी रास्तों पर बैरिकेड्स लगाए गए हैं.
राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने बैसाखी की दी बधाई
आनंदपुर साहिब में एक भक्त ने बताया कि दो साल के बाद हम गुरूद्वारे में पूजा-अर्चना करने और लंगर लगाने आए हैं. पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित और मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बैसाखी की बधाई दी. राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने कहा कि बैसाखी का पंजाब के लोगों के लिए, विशेष रूप से सिख समुदाय के लिए खास महत्व है, क्योंकि इसी दिन खालसा पंथ का जन्म हुआ था. उन्होंने कहा कि बैसाखी फसल कटाई के मौसम की शुरुआत का भी प्रतीक है. किसान इस दिन अपनी मेहनत का फल काटते हैं. बैसाखी के मौके पर आयोजित होने वाले धार्मिक समागम में भाग लेने के लिए इस हफ्ते 1,949 सिख तीर्थयात्रियों का एक जत्था पाकिस्तान में गुरुद्वारा श्री पंजा साहिब के लिए भी रवाना हुआ था.
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